लखनऊ चिडियाघर में आये दो नये मेहमान शतुरमुर्ग

Last Updated 28 Aug 2015 12:31:34 PM IST

लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में शतुरमुर्ग का एक जोडा तमिलनाडु से लाया गया है.


फाइल फोटो

चिडियाघर के निदेशक अनुपम गुप्ता ने शुक्रवार को बताया कि वन्य जीव विनिमय प्रस्ताव के तहत दो नर शतुरमुर्ग एरिगनार अन्ना जूलोजिकल पार्क, वन्डालुर एवं तमिलनाडु वैटनरी एण्ड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी, कुट्टापक्कम, तमिलनाडु से गुरूवार को यहां नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में सकुशल आ गये हैं.

चिडियाघर में इसके पहले दो मादा शतुरमुर्ग थी और इनके आने से अब इनकी संख्या चार हो गयी है.
    
उन्होंने बताया कि  दोनों शतुरमुर्ग को जल्द ही प्राणि उद्यान में  दशकरे देख सकेंगे. एक शतुरमुर्ग को हाथी वाले बाड़े में तथा दूसरे को मछली घर के पास वाले शतुरमुर्ग के बाड़े में रखा जायेगा. 
       
श्री गुप्ता ने बताया कि शतुरमुर्ग विश्व का सबसे बड़ा न उड़ने वाला पक्षी एवं सबसे तेज दौड़ने वाला पक्षी है.

इस का आकार सात से नौ फुट और भार 100 से 160 किलोग्राम  तक होता है. ये पक्षी दक्षिण अफ्रीका के सवाना के घास के मैदानों में पाये जाते हैं.
 
श्री गुप्ता ने बताया कि जंगलों में इनकी औसत आयु 30 से 40 वर्ष है और यह एक घण्टे में 70 किलोमीटर तक दूरी तय करने की क्षमता है. इसकी शक्तिशाली लात से अपने सम्भावित खतरे को टालने में हथियार के रुप में प्रयोग कर अपनी रक्षा करता है. योनावस्था वयस्क नर शतुरमुर्ग काला एवं अपरिपक्व नर सफेद होता है एवं वयस्क मादा सिलेटी भूरा रंग की होती है.
    
उन्होने बताया कि श्री गुप्ता ने बताया कि शतुरमुर्ग शाकाहारी में पेड़-पौधें तने और बीज खाते हैं एवं मांसाहारी में छिपकली एवं अन्य उपलब्ध भोज्य पदार्थों को ग्रहण करता है. शतुरमुर्ग गर्भकाल में दो से चार साल में वयस्क हो जाते हैं. इनका गर्भकाल अप्रैल से सितम्बर तक रहता है. एक बार में शतुरमुर्ग 7 से 10 अण्डे देता है.
    
इनके अण्डों का आकार औसतन छह इंच लम्बा और 5 इंच की परिधि एवं वजन 1500 ग्राम होता है. मान्यता है कि शुतुरमुर्ग घबराहट एवं खतरे के समय अपना सर मिट्टी के अन्दर कर लेते हैं. इसके विपरीत शतुरमुर्ग अपना सर मिट्टी के अन्दर नहीं करते हैं.
 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment