पनकी में उत्पादन ठप, बिजली संकट और गहराया

Last Updated 04 Aug 2015 07:49:09 PM IST

उमस भरी गर्मी के बीच पनकी बिजलीघर में उत्पादन पूरी तरह से ठप होने से उत्तर प्रदेश में चला आ रहा बिजली संकट और गहरा गया है.


पनकी में उत्पादन ठप, बिजली संकट और गहराया (फाइल फोटो)

इसके साथ ही पारीछा की 250 मेगावाट और निजी क्षेत्र में रौजा पावर की 300 मेगावाट व लैंको की 600 मेगावाट की एक-एक इकाई के बाद होने से 72 घण्टे तक प्रदेश में बिजली संकट गहराया रहेगा.

बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच 1500 मेगावाट का अंतर होने के कारण तहसीलों की बिजली भी घटाकर दस घण्टे कर दी गयी है और उद्योगों को छोड़ सभी प्रकार की आपूर्ति में अघोषित कटौती हो रही है.

प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री ने दो दिन पहले ही बिजली की कमी को लेकर अफसरों को फटकार लगायी थी. इसके बाद अनपरा की बंद चल रही नयी इकाई को चालू करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन लगातार बढ़ती उमस के बीच 210 मेगावाट वाली पनकी बिजलीघर की चार और पांच नम्बर की इकाइयों के बायलर ट्यूब (बीटीएल) में रिसाव होने लगा, जिसके चलते दोनों इकाइयां बंद हो गयीं.

इस समस्या से निपटने के लिए बिजली विभाग के अभियंता जुटे हैं, लेकिन जल्द निराकरण होने की उम्मीद नहीं है.

इसके साथ ही अनपरा बिजलीघर से 300 मेगावाट का कम उत्पादन हो रहा है. पावर कारपोरेशन के सूत्रों ने बताया कि उमस बढ़ने से बिजली की मांग में इजाफा हुआ है. इसको पूरा करने के लिये कारपोरेशन केन्द्रीय पूल से मिलने वाली बिजली के अलावा निजी क्षेत्र के बिजलीघरों से महंगी दरों पर बिजली की खरीद कर रहा है.

सूत्रों ने बताया कि मांग और आपूर्ति के बीच अंतर को पाटने के लिये ग्रामीण अंचलों में जमकर बिजली की अघोषित कटौती की जा रही है.

तहसीलों में विद्युत आपूत्तर्ि के घण्टे घटाकर दस कर दिये गये हैं. इसके साथ ही जिलों में साढ़े तीन घंटे और महानगरों में आधे घंटे की घोषित कटौती के साथ ही लोकल फाल्ट के नाम पर अघोषित कटौती की जा रही है.

इसके बावजूद पीक आवर्स के दौरान राज्य की प्रतिबंधित विद्युत मांग 12297 की तुलना में 12087 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गयी. विद्युत आपूर्ति प्रशासन को 210 मेगावाट कटौती के लिये बाध्य होना पड़ा.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment