उत्तर प्रदेश में छह किसानों की मौत
बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हुई फसलों को देखने के बाद सदमा लगने से उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में छह किसानों की मौत हो गयी.
यूपी में छह किसानों की मौत (फाइल) |
मेरठ जिले में पंछी, नानगिल, दरियापुर और मवाना खुर्द गांवों में चार किसानों की मौत हुई है.
खरखोदा के पंछी गांव के निवासी 70 वर्षीय बेगराज पाल के परिजनों के मुताबिक, बेमौसम बरसात से खराब हुई फसल के कारण वह बहुत दुखी थे. रविवार उनका स्वास्थ्य बिगड़ा और अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी मौत हो गयी.
एक अन्य घटना में दौराला इलाके के नांगली गांव निवासी महक सिंह (48) का दिल का दौरान पड़ने से मौत हो गयी.
सिंह ने अपनी आठ एकड़ जमीन में से चार एकड़ पर गेंहू बोया था. बेमौसम बरसात और ओले गिरने के कारण उसकी फसल बर्बाद हो गयी. परिजनों ने बताया कि इस सदमे से सिंह को दिल का दौरा पड़ गया.
मवाना खुर्द निवासी धरमपाल त्यागी (70) के परिजनों का दावा है कि फसल बर्बाद होने और कर्ज के कारण दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गयी.
फसल खराब होने से दुखी हस्तिनापुर इलाके के दरियापुर निवासी प्रवीण रविवार शाम अपनी खेतों में बेहोशी की हालत में मिला. अस्पताल ले जाने से पहले ही उसकी मौत हो गयी.
जिला प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया कि इन घटनाओं की जांच की जा रही है. यदि मौतें फसल नुकसान के कारण हुई हैं तो परिजनों को समुचित सहायता राशि दी जाएगी.
बाराबंकी जिले में दो किसानों की मौत हो गयी. उनके परिजनों का दावा है कि दोनों की मौत फसल नुकसान के कारण हुआ है. हालांकि पुलिस अभी तक मौत के कारणों का पता नहीं कर सकी है.
फहेतपुर इलाके के चिरैया मजरे सुरंगाबाद गांव के निवासी 50 वर्षीय ननकू और गौरा सैलाक गांव निवासी 40 वर्षीय शंकर की मौत के बारे में उनके परिजनों का कहना है इसका कारण फसल बर्बाद होना है.
फतेहपुर के उपसंभागिय मजिस्ट्रेट वीरेन्द्र पांडेय का कहना है कि प्रशासन को ननकू की मौत की सूचना उसके अंतिम संस्कार के बाद मिली. इसलिए उसका पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका.
पांडेय ने कहा, शंकर के परिवार का दावा है कि वह फसल नुकसान के सदमे से मर गया. हालांकि सूचना मिली है कि उसकी मौत बीमारी से हुई है.
प्रशासन प्रावधानों के आधार पर मृतकों के परिवारों की मदद करेगा और उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से भी सहायता देने का प्रयास करेगा.
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