यूपी में अगले वर्ष फिर पुलिस में होंगी 40 हजार भर्तियां : अखिलेश

Last Updated 27 Mar 2015 06:17:25 AM IST

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा में कहा कि यूपी पुलिस अगले साल तक देश की सबसे बेहतर एवं प्रभावी सुरक्षाबल बन जायेगी.


उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

उन्होंने यह भी कहा कि अगले साल पुलिस भर्ती फिर खोली जायेगी और 40 हजार नये दारोगा व सिपाहियों को नौकरी दी जायेगी. उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती के खिलाफ चल रहे आंदोलन की पृष्ठिभूमि में भाजपा का हाथ है यह बात सार्वजनिक हो चुकी है.

बजट सत्र के आखिरी दिन मुख्यमंत्री ने विपक्ष के सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है, अगले वर्ष तक पुलिस महकमें में सभी बुनियादी आवश्यकताएं पूरी हो जाने के साथ ही प्रदेश की पुलिस देश में सबसे बेहतर हो जायेगी. उन्होंने दावा किया कि भर्ती प्रक्रिया में पूरी तरह पारदर्शिता बरती गयी है और चयन नष्पक्ष हुए हैं. श्री यादव ने गैरमौसमी बारिश से हुए नुकसान की वजह से मरने वाले किसानों के आश्रितों की राहत राशि पांच लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए दो सौ करोड़ रुपये पहले ही अवमुक्त कर दिया गया है.

श्री यादव ने कहा कि उनकी सरकार जाति और धर्म के आधार पर निर्णय नहीं लेती. गरीबों का सामाजिक स्तर उठाने पर सरकार पूरा ध्यान दे रही है लेकिन विपक्ष रचनात्मक मुद्दों पर भी सरकार को समर्थन नहीं दे रहा.

बहस में भाग लेते हुए नेता विपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि राज्य में जंगलराज है. अपराधियों की चांदी है . करीब-करीब प्रतिदिन होने वाले तबादलों ने अधिकारियों की कमर तोड़ दी है . कुछ अधिकारियों को दूसरे राज्यों से आयात प्रदेश के अधिकारियों का मनोबल गिराये जाने का काम हुआ है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की मौजूदा सरकार के कार्यकाल में 662 हमलों में 225 पुलिसवालों की जाने गयी . इससे सरकार में बैठे लोगों की अपराधियों से सांठगांठ का स्वत: पता चलता है.

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के पहले बड़े पैमाने पर हुए साम्प्रदायिक दंगों से स्पष्ट है कि भाजपा-सपा में गुप्त समझौता है. लोकसभा चुनाव के बाद दंगों में अचानक कमी क्यों आ गयी . साम्प्रदायिक दंगों से दोनों दल राजनीतिक लाभ लेना चाहती है. भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना ने कानून व्यवस्था के मामले में सरकार पर तीखे हमले करते हुए पुलिस भर्ती में व्यापक धांधली का आरोप लगाया. उन्होंने पुलिस भर्ती प्रक्रिया की  स्तरीय जांच कराये जाने की मांग की . बसपा पर निशाना साधते हुए श्री खन्ना ने कहा कि सपा अक्सर भाजपा को साम्प्रदायिक बताती है. यदि ऐसा है तो सपा ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार क्यों बनायी थी. कांग्रेस के प्रदीप माथुर और राष्ट्रीय लोकदल के नेता दलवीर सिंह ने भी चर्चा में भाग लिया . इसके साथ ही सदन ने बजट पारित कर दिया.

समारोहों में अब नहीं शामिल किये जा सकेगी हाथी : प्रदेश सरकार ने आज एक बडा फैसला लेते हुए विवाह समेत अन्य सार्वजनिक समारोहों में हाथियों को शामिल करने पर पाबन्दी लगा दी . श्री यादव ने आज विधानसभा में नेता विपक्ष और बहुजन समाज पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर इशारा करते हुए चुटकी ली, ‘मैं आपके हाथियों को सार्वजनिक समारोहों के लिए प्रतिबन्धित करता हूं. वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत यह प्रतिबन्ध लागू होगा . इसके साथ ही हाथियों के संरक्षण के लिए इटावा के चम्बल क्षेत्र में एक केन्द्र खोला जाएगा .  हाथी बसपा का चुनाव चिन्ह है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हाथियों को रैलियों, विवाह या अन्य सार्वजनिक समारोहों के लिए दिये गये अनुमति या लाइसेंस निरस्त किये जाते हैं . उन्होंने कटाक्ष किया कि हाथियों या अन्य वन्य जीवों के संरक्षण के लिए बसपा ने कुछ नहीं किया.

फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणियों में आयी कमी : विधानसभा में गुरुवार को संसदीय कार्यमंत्री मोहम्मद आजम खां मीडिया से खासे नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि कहा है कि उनके खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले किशोर के विरुद्ध हुई सख्त कार्रवाई से सोशल मीडिया पर गालीगलौज युक्त पोस्ट की जाने वाली प्रतिक्रियाओं मे काफी कमी आयी है. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के सेक्शन 66- ए , की बाबत आये फैसले से उनके मामले को नाहक जोड़ लिया. यह फैसला तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया में आपत्तिजनक काटरून के सिलसिले में था. श्री खां ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता  का अर्थ यह नहीं है कि किसी की बेइज्जती की जाए.



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