उन्नाव में बंद कमरे से सैकड़ों नरकंकाल मिले

Last Updated 30 Jan 2015 03:56:08 AM IST

उन्नाव में शहर के पुलिस लाइंस स्थित पुराने अस्पताल के एक कमरे में बृहस्पतिवार को सैकड़ों की संख्या में नरकंकाल और मानव अवशेष मिलने से हड़कंप मच गया.


उन्नाव पुलिस लाइन में बोरियों में बरामद नर कंकाल.

नरकंकालों को बोरी में बंद कर रखा गया था.

कमरे तक आम आदमी पहुंच न सके, इसके लिए दरवाजे पर बाहर से ताला लटका दिया गया था. सैकड़ों की संख्या में नरकंकाल मिलने की खबर से शासन व जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. एसपी ने मौके पर पहुंचकर तफ्तीश की. उन्होंने बरामद नरकंकालों को पोस्टमार्टम के बाद कानूनी कार्रवाई के लिए सुरक्षित रखे जाने वाला विसरा बताया.

एसपी ने बताया कि वर्ष 2008 से पूर्व जो भी बिसरा लिया जाता था, उन्हें यहां रखवा दिया जाता था. उधर, नरकंकाल मिलने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे भाजपाइयों ने इसे पुलिस प्रशासन की लापरवाही का नमूना बताया. उन्होंने पुलिस के खिलाफ विरोध जताते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की.

बृहस्पतिवार दोपहर शहर के पुलिस लाइंस स्थित सरकारी अस्पताल के एक कमरे के अंदर सैकड़ों की संख्या में नरकंकाल व मानव अवशेष पड़े होने की खबर प्रशासनिक अधिकारियों को मिली. इस बीच, एसपी महेंद्र पाल सिंह मामले की हकीकत जानने के लिए मातहतों के साथ मौके पर जा पहुंचे. उन्होंने कमरे का ताला खुलवाया. कमरे के अंदर बीस से अधिक बोरियों में मानव शरीर की हड्डियां भरकर रखी गई थीं. वहीं, कमरे के अंदर कुछ पूरे के पूरे नरकंकाल भी पड़े हुए थे.

कई नरमुंड भी इधर-उधर बिखरे पड़े हुए थे. पुलिस लाइन स्थित अस्पताल के अंदर का यह दृश्य देखकर एसपी भी हैरत में पड़ गए. मामले की हकीकत जानने के लिए उन्होंने अस्पताल के कर्मियों को मौके पर बुलाया. चीफ फार्मासिस्ट वीके वर्मा ने बताया कि यह नरकंकाल वह हैं, जिनका विसरा कई वर्ष पूर्व पोस्टमार्टम के बाद सुरक्षित रख लिया गया था.

अस्पताल के रिकार्ड में 400 से अधिक ऐसे मामले हैं जिनमें विसरा सुरक्षित कर उन्हें भविष्य में कानूनी कार्रवाई के लिए इसी अस्पताल के रखवा दिया गया था. उधर, पुलिस लाइंस में सैकड़ों की संख्या में नरकंकाल मिलने की खबर फैलते ही सैकड़ों की संख्या में भाजपाई मौके पर जा पहुंचे. 

सदर विधायक पंकज गुप्ता व कृपा शंकर सिंह समेत कई अन्य नेताओं ने इसे पुलिस प्रशासन की लापरवाही का नमूना बताया. भाजपाइयों का कहना था कि नरकंकाल मिलने का पूरा घटनाक्रम संदिग्ध है. इस मामले में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर जांच कराई जाए.

वहीं पूरे घटनाक्रम में एसपी महेंद्र पाल सिंह ने बताया कि वह मामले की जांच करा रहे हैं. प्रथम दृष्टया जो भी नरकंकाल व उनके अवशेष मिले हैं वह विसरे से संबधित हैं. अस्पताल के रिकार्ड से भी इसकी पुष्टि हो रही हैं. फिर भी वह जल्द ही एक टीम गठित कर मामले की जांच कराएंगे.



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