यूपी में एक बसपा और एक बीजेपी विधायक की सदस्यता रद्द
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने बसपा विधायक उमाशंकर सिंह और बीजेपी विधायक बजरंग बहादुर सिंह की विधानसभा से सदस्यता रद्द कर दी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा |
दोनों विधायकों पर विधायक रहते हुए लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारी करने का आरोप था. उमाशंकर सिंह बलिया के रसडा और बजरंग बहादुर सिंह महाराजगंज के फरेंदा सीट से विधायक थे.
2009 से ठेकेदारी कर रहे उमाशंकर सिंह ने मार्च 2012 में विधायक चुने जाने के बाद भी यह काम जारी रखा, वहीं बजरंग बहादुर ने 15 अक्तूबर 2012 को लोक निर्माण विभाग में ठेका लिया था. राज्यपाल ने उमाशंकर सिंह की सदस्यता विधायक निर्वाचित होने की तिथि 06 मार्च 2012 और बजरंग बहादुर सिंह की सदस्यता 15 अक्तूबर 2012 से निरस्त की है.
नाईक ने निर्वाचन आयोग से रिपोर्ट मिलने के बाद यह निर्णय लिया. उन्होंने गत 21 जनवरी को ही कह दिया था कि इस महत्वपूर्ण फैसले पर इसी माह वह फैसला ले लेंगे. लोकायुक्त न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) एन. के. मेहरोत्रा ने दोनों विधायकों की जांच कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेज दी थी. मुख्यमंत्री ने लोकायुक्त की रिपोर्ट को राज्यपाल के पास अग्रसारित कर दिया था.
राज्यपाल ने निर्वाचन आयोग से इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी. निर्वाचन आयोग से 3 जनवरी को रिपोर्ट मिल जाने के बाद राज्यपाल ने दोनों विधायकों का पक्ष सुना. इस मामले पर विधिक सलाह भी ली गई. इसके बाद नाईक ने दोनों विधायकों की सदस्यता रद्द करने का फैसला लिया. राज्यपाल ने अपने आदेश की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, निर्वाचन आयोग और मुख्य सचिव को भेज दी है ताकि सरकारी अभिलेखों में यह दर्ज हो सके.
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