भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई में नयी जान फूंकने की तैयारी
उत्तर प्रदेश में मिली पराजय के बाद भाजपा प्रदेश इकाई में नयी जान फूंकने के उपायों पर गंभीरता से विचार कर रही है.
भाजपा में नयी जान फूंकने की तैयारी (फाइल फोटो) |
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि संगठन को 2017 के विधानसभा चुनाव लडने के लिए ‘फिट’ बनाना है.
उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत बनाने का यह कदम विधानसभा उपचुनाव, छावनी परिषद चुनाव और विधान परिषद चुनाव के बाद आया है. विधानसभा उपचुनाव में भाजपा 12 में से नौ सीटें हार गयी. विभिन्न जिलों में हुए छावनी परिषद के चुनाव विशेषकर वाराणसी और लखनऊ के चुनाव भी पार्टी हार गयी. हाल ही में संपन्न विधान परिषद चुनाव में पार्टी अपने दूसरे उम्मीदवार को जिताने में विफल रही.
भाजपा नेता से जब पार्टी की लगातार हो रही पराजय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह परेशानी की बात है.
प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी और विपक्षी बसपा ने कांग्रेस, रालोद, अन्य छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों की मदद से एक एक अतिरिक्त सीट विधान परिषद चुनाव में जीती. कुल 12 सीटों के लिए चुनाव हुए, जिनमें से आठ पर सपा ने जीत हासिल की.
बसपा को तीन सीटों पर विजय मिली जबकि भाजपा को एक ही सीट से संतोष करना पड़ा.
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में जोरदार प्रदर्शन करते हुए 80 में से 71 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन उसके बाद जितने भी उपचुनाव या अन्य चुनाव हुए, उसमें भाजपा लोकसभा का प्रदर्शन नहीं दोहरा सकी.
छावनी परिषद के चुनावों में भाजपा को पराजय का मुंह देखना पड़ा. वाराणसी और लखनऊ में भी उसे हार का सामना करना पडा, जो क्र मश: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के निर्वाचन क्षेत्र हैं.
उम्मीद की जा रही है कि 31 मार्च को सदस्यता अभियान समाप्त होने के बाद उत्तर प्रदेश इकाई को मजबूत बनाने की कवायद शुरू होगी. पार्टी नेता ने कहा कि विधानसभा चुनाव वैसे तो 2017 में होने हैं लेकिन ये पहले भी हो सकते हैं और इसी बात को ध्यान में रखकर हमें बिना समय बर्बाद किये कार्य करना है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि राज्य विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी उत्तर प्रदेश में समाज के हर वर्ग से अधिक से अधिक लोगों को बतौर सदस्य शामिल करने के प्रयास कर रही है.
भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 1.5 करोड नये सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया है और वह एक करोड का आंकडा पार कर चुकी है. विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की पराजय को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए बाजपेयी ने कहा कि उपचुनाव हमेशा सत्ताधारी दल जीतता है.
उन्होंने कहा कि जहां तक छावनी परिषदों के चुनाव का प्रश्न है, हमने उन जगहों पर सीटें जीतीं, जहां हमारी उपस्थिति ही नहीं थी.
इस बीच सूत्रों ने बताया कि भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व उन केन्द्रीय मंत्रियों, सांसदों और विधायकों से नाराज है, जिन्होंने उक्त चुनावों में कार्य नहीं किया. सूत्रों ने प्रदेश इकाई में अंतर्कलह की ओर संकेत करते हुए कहा कि विधान परिषद चुनाव में पार्टी नेताओं ने निर्दलीय और छोटे दलों को मनाने का प्रयास ही नहीं किया.
Tweet |