नोएडा में ऑटो हड़ताल से लोग परेशान

Last Updated 28 Jan 2015 03:40:26 AM IST

एक समान किराया व एनसीआर परमिट की मांग को लेकर आयोजित ऑटो एसोसिएशन की हड़ताल का काफी असर रहा.


ऑटो हड़ताल के चलते बोटेनिकल गार्डन पर घर पहुंचने को परेशान लोग.

हड़ताल के पहले दिन लोगों को काफी परेशानी हुई. अधिकतर ऑटो व टेम्पो सड़कों पर नहीं उतरे. सुबह दफ्तर जाने वालों को काफी परेशानी हुई. लोग स्टैंड पर इंतजार करते रहे. ऑटो न मिलने से लोगों ने ज्यादा खर्च कर वैकल्पिक साधनों का प्रयोग किया. हड़ताल के मद्देनजर परिवहन विभाग ने निजी बस ऑपरेटरों व रोडवेज को ऑटो रूटों पर बसें चलाने का आह्वान किया था लेकिन यह नाकाफी साबित हुआ. निजी बस ऑपरेटरों के मनमाना किराया वसूलने की बात सामने आई.

नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 9000 ऑटो चालकों के प्रतिनिधित्व का दावा करने वाली नोएडा सीएनजी ऑटो चालक एसोसिएशन ने मांगों को लेकर 27 व 28 जनवरी को हड़ताल की घोषणा की थी. शहर के तमाम रूटों पर परिवहन की व्यवस्था न होने से हजारों लोग रोजाना शेयरिंग ऑटो का प्रयोग करते हैं. हड़ताल के पहले दिन सुबह अधिकतर ऑटो व टेम्पो सड़कों पर नहीं उतरे. इसका व्यापक असर पड़ा. पीक ऑवर में परिवहन की कोई व्यवस्था न होने से लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी परेशानी हुई.

कुछ ऑटो सड़कों पर उतरे. तमाम जगह एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं ने कई ऑटो की हवा निकाली व तोड़फोड़ की. लोग बस व ऑटो स्टैंड पर इंतजार करते रहे. हड़ताल को देखते हुए परिवहन विभाग ने तमाम ऑटो रूटों पर निजी बस ऑपरेटरों व रोडवेज से बसें चलाने का अनुरोध किया था. इसके चलते 21 निजी बसें व एक दर्जन रोडवेज की सड़कों पर उतरीं लेकिन इनकी संख्या यात्रियों के मुकाबले काफी कम थी. दोपहर बाद स्थिति सामान्य होने लगी. कई रूटों पर ऑटो चलने लगे.

एसोसिएशन के लोगों का दावा है कि बुधवार को पूरी तरह ऑटो का चक्का जाम रहेगा. नोएडा सीएनजी ऑटो चालक एसोसिएशन के अध्यक्ष ओम प्रकाश गुर्जर ने हड़ताल को पूरी तरह सफल बताया है. उन्होंने बताया कि 28 जनवरी को भी सड़कों पर ऑटो नहीं उतरेंगे. हड़ताल के बावजूद तमाम ऑटों के चलने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके यूनियन से रजिस्र्टड लगभग 9000 ऑटो हड़ताल पर थे. सड़कों पर जो भी ऑटो दिखे वह दिल्ली के रहे होंगे.

वसूला गया मनमाना किराया

ऑटो चालकों की हड़ताल का खमियाजा आम यात्रियों को भुगतना पड़ा. निजी बसों, रिक्शे वालों व हड़ताल के बावजूद सड़कों पर दौड़ रहे ऑटो वालों ने लोगों की परेशानी का खूब फायदा उठाया. यात्रियों को परेशान देख उनसे दोगुना किराया वसूला गया. निजी बसों के कंडक्टरों ने 15 की जगह 30 से 35 रुपए किराया वसूला. रिक्शेवालों ने भी मनमाना किराया वसूला.



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