बाबरी मस्जिद मामला: सबसे बुजुर्ग वादी का स्थान लेंगे उनके बेटे

Last Updated 26 Dec 2014 07:23:15 PM IST

बाबरी मस्जिद मामले के सबसे बुजुर्ग वादी फारूक अहमद की बुधवार को मौत होने के बाद उनके सबसे छोटे पुत्र सुप्रीम कोर्ट में चल रहे इस मुकदमे में छह अन्य वादियों के साथ उनकी जगह लेंगे.


बाबरी के सबसे बुजुर्ग वादी का स्थान लेंगे बेटे (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त एडवोकेट जनरल और बाबरी मस्जिद एक्शन समिति के समन्वयक जफरयाब जिलानी ने बताया, ‘‘फारूक अहमद के सबसे छोटे पुत्र मोहम्मद उमर इस मुदकमे में अपने पिता की कानूनी विरासत संभालेंगे. मुकदमे के सबसे बुजुर्ग वादी की बुधवार को 100 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई’’.
   
इसकी पुष्टि करते हुए उमर ने बताया, ‘‘अब से बाबरी मस्जिद मामले में मैं लडूंगा’’.
   
पैंतालीस वर्षीय उमर मुसलमान समुदाय के सात मुख्य वादियों में शामिल अपने पिता का स्थान लेंगे. मुकदमे के अन्य छह वादी हैं अशद रशिदी, हाशिम अंसारी, मौलाना महफूज उर रहमान, हाजी मिसबा उद्दीन, मुफ्ती हसबुल्ला और सुन्नी केन्द्रीय वक्फ बोर्ड.
  
गौरतलब है कि दिसंबर 1949 में बाबरी मस्जिद में भगवान राम की प्रतिमा रखने के मामले की शिकायत करने वालों में उमर की दादी मोहम्मद जहूर भी शामिल थीं.



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