समान व रोजगारपरक हो शिक्षा : अखिलेश
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मौजूदा शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाते हुए इसमें आमूल-चूल परिवर्तन की बात कही है.
शिक्षक सम्मान व माध्यमिक शिक्षा विभाग के भवनों के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम को सम्बोधित करते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव. |
उन्होंने कहा कि समान शिक्षा प्रणाली बनाने के लिए पूर्व की सरकारों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. यही वजह है कि युवा शक्ति का सही उपयोग नहीं हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान ने नौजवानों को वोट का अधिकार दिया है.
यदि सरकारें सही रास्ते पर नहीं चलीं, तो वही एक वोट बदलाव भी ला सकता है. युवाओं का वह वोट किसी भी दल के पक्ष-विपक्ष में पड़ सकता है.
मुख्यमंत्री ने यह बात शनिवार को लखनऊ में अपने सरकारी आवास में शिक्षकों के सम्मान और माध्यमिक शिक्षा विभाग के 150 से अधिक भवनों के शिलान्यास व लोकार्पण करने के मौके पर कही. उन्होंने कहा कि डिजाइनर ड्रीम का जमाना आ गया है. इसलिए शिक्षा समान और रोजगारपरक होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले. बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा को हम अगर सुधार दें, तो परिणाम दूसरे होंगे और शिक्षा की तस्वीर बदल जाएगी.
अखिलेश ने कहा कि देश में असमान शिक्षा और समय पर रोजगार न मिलने के कारण युवा ऊर्जा का सही समय पर हम इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं. उन्होंने विभाग के अफसरों के साथ ही शिक्षकों का आह्वान किया कि वे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर काम करें. उन्होंने कहा कि दुनिया में उन मुल्कों ने ही तरक्की की है, जहां शिक्षा का बेहतर इंतजाम रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश में अनेक स्कूल खोले हैं. बड़ी संख्या में विविद्यालय खुल रहे हैं. राज्य का नोएडा, एनसीआर क्षेत्र शिक्षा का हब बनने जा रहा है. अपनी सरकार में बांटे गये लैपटॉप का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके जरिए देश-दुनिया की जानकारी और पढ़ाई का समाजवाद गांव-गांव, घर-घर पहुंच गया है.
यह काम दुनिया में सिर्फ समाजवादियों (सपा सरकार) ने ही किया है. मुख्यमंत्री ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारी सरकार सड़क, बिजली, पानी और अस्पताल के क्षेत्र में काफी काम कर रही है.
पर्यावरण के क्षेत्र में भी काफी पौधे लगाकर कार्य हुआ है. मेट्रो पर काम हो रहा है, तो साइकिल सस्ती करने के साथ ही साइकिल ट्रैक भी बना रहे हैं. किसानों को मुफ्त पानी और सस्ती खाद दे रहे हैं मगर विरोधियों को तो कुछ न कुछ कहने को चाहिए ही.
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