सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन जायज नहीं : हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसले में पांच हिंदू लड़कियों के धर्म परिवर्तन को अवैध करार दिया.
शादी के लिए धर्मांतरण जायज नहीं (फाइल फोटो) |
अदालत ने कहा कि पांच शादीशुदा जोड़ों को कोई राहत नहीं दी जा सकती है क्योंकि उन्होंने सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन किया है. इस मामले में हिंदू लड़कियों ने धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम धर्म अपना लिया था.
शादीशुदा जोड़ों ने पुलिस और परिवार द्वारा कथिततौर पर परेशान किए जाने की शिकायत करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
जस्टिस सूर्य प्रकाश केसवानी की एकल पीठ ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर, देवरिया, कानपुर, संभल, प्रतापगढ़ और मऊ की पांचों याचिकाओं को मिलकार यह फैसला दिया. अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ित जिस दूसरे धर्म में परिवर्तन करने जा रहा है, यदि उसके बारे में उसे पूरा विश्वास नहीं है तो ऐसा धर्म परिवर्तन शून्य है. ऐसे विवाह कुरान के सिद्धांतों और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के भी खिलाफ है.
इस मामले में याचिका लगाने वाली अधिकतर लड़कियों की उम्र 18 से 19 वर्ष के बीच है और उन्होंने कोर्ट में बताया है कि उन्हें इस्लाम के बारे में कोई जानकारी नहीं है. लड़कियों ने सिर्फ इसलिए धर्म परिवर्तन किया क्योंकि जिन लड़कों से उन्होंने शादी की वे ऐसा चाहते थे. वे उस कमरे में भी मौजूद नहीं थीं, जहां धर्म परिवर्तन किया गया.
लड़कों ने भी कोर्ट में बताया कि उन्हें धर्म परिवर्तन के बारे में हुई कागजी कार्रवाई के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.उन्होंने यह भी बताया कि लड़कियों का यह धर्म परिवर्तन सिर्फ शादी करने के लिए ही किया गया था.
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