विधायक निधि में आए 18 करोड़, मंजूरी महज दस करोड़ का

Last Updated 17 Dec 2014 12:58:52 PM IST

गोरखपुर के दर्जनभर विधायकों को डेढ़-डेढ़ करोड़ की राशि मिल गई है.उपयोग में अधिकांश की कंजूसी सामने आयी है.


माननीयों की यह कंजूसी ! (फाइल फोटो)

सर्वाधिक 54 प्रस्तावों को बांसगांव के विधायक ने हरी झंडी दी है. हालांकि निधि खर्च करने में चिल्लूपार के विधायक पहले और चौरीचौरा के विधायक दूसरे स्थान पर हैं. सबसे कम तीन लाख 46 हजार Rs के एक प्रस्ताव को नगर विधायक ने अपनी सहमति दी है.

निधि खर्चने में 18 करोड़ की राशि आने के बावजूद केवल सात करोड़ 43 लाख Rs से केवल तीन सौ प्रस्तावों को ही हरी झंडी मिली है. डेढ़ सौ प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. बाहर के दो विधायकों ने भी 22 लाख Rs की प्रस्ताव जिले को दिया है. वित्तीय वर्ष 2014-15 में सभी विधायकों व विधान परिषद सदस्यों को बराबर-बराबर डेढ़-डेढ़ करोड़ मिले हैं.

गोरखपुर शहर के विधायक डा. राधामोहन दास अग्रवाल ने अपनी निधि से तीन लाख 46 हजार Rs से होने वाले एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. उनके समक्ष केवल एक ही प्रस्ताव भी था. कोई लंबित नहीं है. लिहाजा एक करोड़ 46 लाख Rs से अधिक की राशि अभी बची हुई है. गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विजय बहादुर यादव पिछले वित्तीय वर्ष का लगभग 50 लाख खर्च नहीं कर पाए थे.

इस बार उन्होंने 40.666 लाख के 34 प्रस्तावों को ही स्वीकृति दी है. जबकि उन्हें क्षेत्रीय जनता की तरफ से 45 प्रस्ताव मिले थे. सहजनवां के विधायक ब्रजेश सिंह की निधि में 17 लाख पहले के बचे थे. डेढ़ करोड़ की राशि आने के बावजूद उन्होंने 57 लाख Rs के 25 विकास कायरे को स्वीकृति दी है जबकि 67 प्रस्ताव मिले थे.

पिपराइच की विधायक राजमती निषाद ने 18 में से 12 प्रस्तावों के लिए 66 लाख, चौरीचौरा के विधायक जयप्रकाश निषाद ने 40 में से 38 प्रस्तावों के लिए एक करोड़ दो लाख Rs मंजूर किए हैं. बांसगांव के विधायक डा. विजय कुमार पहले का 51 लाख Rs खर्च नहीं कर सके थे.

इस बार उन्होंने 54 प्रस्तावों 88 लाख की स्वीकृति दी है। जबकि उन्हें 59 प्रस्ताव मिले थे. चिल्लूपार के विधायक राजेश त्रिपाठी ने अपनी निधि से विकास कायरे में तेजी दिखायी है और उन्होंने 39 में से 22 प्रस्तावों के लिए एक करोड़ 19 लाख से अधिक की रकम पास की है. खजनी के विधायक संत प्रस्ताव पिछली वित्तीय वर्ष की लगभग पूरी राशि खर्च कर चुके हैं. लेकिन इस बार उन्होंने 42 में से 29 प्रस्तावों पर ही कार्य कराने के लिए 55 लाख दिए हैं.

कैंपियरंगज के विधायक कुंवर फतेह बहादुर सिंह ने 5 में से 4 प्रस्तावों के लिए लगभग 11 लाख मंजूर किए हैं. एमएलसी एवं विधान परिषद के सभापति गणोश शंकर पाण्डेय अपनी निधि से 50 लाख Rs अन्य जिले को हस्तांतरित किया है.

गोरखपुर की 41 में से 21 प्रस्तावों के लिए एक करोड़ दो लाख Rs से विकास कायरे को मंजूरी दी है. एमएलसी विनोद पाण्डेय भी पिछली राशि का अभी 18 लाख खर्च नहीं कर सकें हैं. इस बार उन्होंने 54 लाख 21 हजार गैर जनपद को दिया है.

एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह के खाते में पिछले वर्ष का पौने ग्यारह लाख बचा है. इस बार उन्होंने अपनी निधि का एक करोड़ 42 लाख अन्य जिलों को दिया है. जबकि जिले में उन्होंने 28 में से 25 प्रस्तावों के लिए केवल 15 लाख दिए हैं.

गोरखपुर-फैजाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी का जिला मुख्यालय सिद्धार्थनगर है. गोरखपुर में मिले 17 में से 9 प्रस्तावों के लिए उन्होंने 20 लाख Rs मंजूर किए हैं. जिले से बाहर के दो जनप्रतिनिधियों ने भी तीन प्रस्तावों के लिए 22 लाख दिए हैं. इनमें लाल चंद निषाद ने एक प्रस्ताव के लिए 7 लाख और ओमप्रकाश तिवारी ने दो प्रस्तावों के लिए 15 लाख Rs की योजना को मंजूर किया है.



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