सड़क हादसा : उत्तर प्रदेश रोडवेज दे 17 लाख का मुआवजा
दिल्ली मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने सड़क हादसे में मारे गए युवक के परिजन को 17 लाख रूपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है.
यूपी रोडवेज दे 17 लाख का मुआवजा (फाइल फोटो) |
न्यायाधिकरण ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को भगत की विधवा, माता-पिता और तीन नाबालिग बच्चों को 17,14,816 रूपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. भगत की 2010 में परिवहन निगम की बस से टक्कर लगने से मृत्यु हो गयी थी. वह मोटरसाइकिल पर अन्य दो व्यक्तियों के साथ जा रहा था.
सुनवाई के दौरान ड्राइवर और उत्तर प्रदेश रोडवेज ने आरोपों से इनकार करते हुए दलील दी थी कि मोटरसाइकिल पर तीन लोग बैठे थे और उसे लापरवाही से चलाया जा रहा था.
इस दलील को खारिज करते हुए न्यायाधिकरण ने कहा, ‘मोटरसाइकिल पर महज लोगों की सवारी से पीड़ित के कानूनी उत्तराधिकार मोटर वाहन अधिनियम के तहत मुआवजा का दावा करने के हक से वंचित नहीं हो जाते और इस बात का कोई सबूत नहीं है कि बाइक लापरवाही से चलायी जा रही थी.
न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी एस सी मलिक ने कहा कि भगत की विधवा और अन्य चश्मदीद गवाहों की गवाही एवं अपराध रिकार्ड की सत्यापित प्रतियों से कोई शक नहीं रह जाता कि बस को लापरवाही से चलाये जाने से वह जानलेवा ढंग से जख्मी हुआ.
न्यायाधिकरण ने यूपी रोडवेज, उत्तर प्रदेश सरकार और बस के ड्राइवर को संयुक्त रूप से याचिकाकर्ताओं को मुआवजा देने का निर्देश दिया.
याचिका के अनुसार आठ जुलाई, 2010 को भगत अपनी सास और साले को मोटर साइकिल से लेकर जा रहा था. उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर में निगम की बस विपरीत दिशा से तीव रफ्तार से आयी और उनके मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी. इस हादसे में तीनों को सिर में गहरी चोट आयी.
भगत की विधवा ने 25 लाख रूपए का दावा किया था. इसी मामले में न्यायाधिकरण पहले ही भगत की सास के परिवार को 13.5 लाख दिए जाने का निर्देश दे चुका है. भगत की सास की भी इस घटना में मृत्यु हो गयी थी.
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