दिमागी बुखार से मौतों ने लगातार चौथे साल छुआ 600 का आंकड़ा
पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिमागी बुखार से मरने वालों का आंकड़ा लगातार चौथे साल 600 के अंक को छू गया.
दिमागी बुखार से मौतों ने छुआ 600 का आंकड़ा (फाइल फोटो) |
गोरखपुर से मिली जानकारी के अनुसार सरकार की तमाम कवायद-कोशिशों के बावजूद यह आंकड़ा छुआ है.
अपर स्वास्थ्य निदेशक डाक्टर डीएन त्रिपाठी से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्वाचल के विभिन्न मंडलों के जिलों में 22 नवम्बर तक दिमागी बुखार के 3011 मरीज भर्ती कराये गये जिनमें से 614 की मौत हो चुकी है. यह लगातार चौथी बार है जब मौतों का आंकड़ा 600 से ज्यादा रहा.
2011 में इस बीमारी से जहां 655 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 2012 में 608 मरीज और 2013 में 649 रोगी दिमागी बुखार से जिंदगी की जंग हार चुके हैं.
आंकड़ों के मुताबिक 2005 से अब तक इस बीमारी से 6268 लोगों की मौत हो चुकी है. अपर स्वास्थ्य निदेशक कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो 2005 में दिमागी बुखार से सबसे ज्यादा 1135 मरीजों की मौत हुई थी और उसके बाद से यह आंकड़ा किसी भी वर्ष 400 से कम नहीं रहा.
आंकड़ों के मुताबिक साल 2006 में मस्तिष्क ज्वर से 434 रोगियों की मृत्यु हुई थी. 2007 में 547 रोगियों, 2008 में 515, 2009 में 568 और 2010 में 543 मरीजों की मौत हुई थी. ये आंकड़े गोरखपुर, आजमगढ़, देवीपाटन, बस्ती मंडलों और नेपाल और बिहार के कुछ इलाकों से आये मरीजों से सम्बन्धित हैं.
दिमागी बुखार से ग्रस्त होने वाले लोगों की साल-दर-साल संख्या पर नजर डालें तो भी स्थिति में खास सुधार नजर नहीं आता है. 2005 में मस्तिष्क ज्वर के सबसे ज्यादा 4752 मरीज पूर्वाचल के विभिन्न जिला अस्पतालों और गोरखपुर मेडिकल कालेज में भर्ती कराये गये थे.
उसके बाद साल 2006 में 2029, 2007 में 2790, 2008 में 2591, 2009 में 3219, 2010 में 3766, 2011 में 3769, 2012 में 3549, 2013 में 3013 और इस साल 22 नवम्बर तक 3011 मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराये गये थे.
Tweet |