अखिलेश ने बिजली संकट के लिए केन्द्र को ठहराया दोषी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में बिजली संकट के लिए केन्द्र को दोषी ठहराया है.
बिजली संकट के लिए केन्द्र दोषी (फाइल फोटो) |
लखनऊ में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को कोयले और बिजली के आवंटित कोटे की आपूर्ति नहीं की गयी.
अखिलेश ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हमें कोयले का आवंटित कोटा नहीं मिल रहा है. क्या आप (भाजपा सदस्य) केन्द्र से कोयले और बिजली का कोटा बढ़ाना सुनिश्चित करेंगे. केवल भगवा कपड़े पहनने से कुछ नहीं होता. जनता हमसे नाराज है क्योंकि हम उन्हें पर्याप्त बिजली नहीं मुहैया करा सके.’
मुख्यमंत्री ने भाजपा सदस्य सतीश महाना की ओर से बिजली की उपलब्धता के मुद्दे पर किये गये सवाल के जवाब में कहा, ‘आपके मंत्री (केन्द्रीय बिजली मंत्री) ट्विटर पर जवाब दे रहे हैं. ट्विटर क्या है? क्या आप (भाजपा सदस्य) ट्विटर पर हैं. वह जो भी बात करना चाहें, मैं उपलब्ध हूं. वह ट्विटर का प्रयोग क्यों कर रहे हैं.’
जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री ने उनसे (अखिलेश से) चार बार मुलाकात की कोशिश की। इस पर अखिलेश बोले, ‘क्या आप मेरा फोन टैप कर रहे हो.’
उन्होंने कहा, ‘आप केवल इतना सुनिश्चित कीजिए कि राज्य को कोयले का आवंटित कोटा मिले.’
बिजली पर ही बसपा के सदस्य धर्मपाल सिंह की ओर से उठाये गये एक अन्य सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कहा कि जब से केन्द्र में भाजपा की सरकार आयी है, उसने राज्य को कोयले के आवंटित कोटा का 40 फीसदी कम कोयला दिया है.
खां ने कहा कि आवंटित अनपारा संयंत्र को 70 हजार मीट्रिक टन कोयले में से मात्र 22 हजार मीट्रिक टन ही मिला. परीछा संयंत्र को 18 हजार मीट्रिक टन कोयला आवंटित था जबकि उसे मिला केवल 11 हजार मीट्रिक टन. पनकी संयंत्र को चार हजार मीट्रिक टन में से 3420 मीट्रिक टन ही मिला. ओबरा संयंत्र को 15 हजार मीट्रिक टन में से लगभग 7000 मीट्रिक टन कोयला मिला.
खां ने कहा, ‘मैं आप सभी से (भजपा सदस्यों से) आग्रह करता हूं कि आप सुनिश्चित करें कि राज्य को उसका आवंटित कोटा मिले. उत्तर प्रदेश ने आपकी पार्टी (भाजपा) से सबसे अधिक सांसद चुनकर लोकसभा भेजे हैं. आपकी सरकार बनाने में राज्य का काफी योगदान है.’
प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी पर उनकी विदेश यात्राओं को लेकर हमला बोलते हुए खां ने कहा, ‘बादशाह देश छोड़कर विदेशों में है. देश अंधेरे में है, लोग भूखों मर रहे हैं. फिजी को पैसा दिया जा रहा है. यहां खाने को नहीं.’
मंत्री की इस टिप्पणी पर भाजपा सदस्यों ने आपत्ति की. उन्होंने अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे से कहा कि वह यह सुनिश्चित करें कि इस तरह की बातें नहीं होने पायें. इस पर खां ने कहा कि उन्होंने सिर्फ फीजी को धन देने के मुद्दे का जिक्र किया है.
इस बीच बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा और सपा की बहस में मंत्री ने मुख्य सवाल का जवाब नहीं दिया. इससे अखिलेश सरकार की असंवेदनशीलता का पता चलता है. इसके बाद वह अपने पार्टी सदस्यों के साथ सदन से वाकआउट कर गये.
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