22 साल से फरार आतंकी गिरफ्तार, सलीम पतला को एटीएस ने पकड़ा
मुजफ्फरनगर जिले के खतौली कस्बे में पुलिस और एटीएस की टीम ने बृहस्पतिवार रात इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी सलीम पतला को गिरफ्तार किया.
आतंकी सलीम पतला गिरफ्तार (फाइल फोटो) |
आतंकी अब्दुल करीम टुंडा का दाया हाथ माने जाने वाला सलीम पतला 1993 (22) साल से फरार चल रहा था. उस पर 1992 में मेरठ के नौचंदी ग्राऊंड और 1993 में हापुड़ रोड पर पशु चिकित्सालय के पास पीएसी कैंप पर बमों से हमला करने का आरोप है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सलीम अभी मुरादाबाद में रह रहा था और खतौली में वह अपने किसी परिचित से मिलने आया था. उसके यहां आने की खुफिया सूचना के बाद बस स्टैंड के पास रात एक बजे उसको घेराबंदी कर पकड़ लिया गया.
पुलिस ने बताया कि पीएसी के कैंपों पर हमले के बाद इसके छह साथी गिरफ्तार हुए थे, लेकिन यह पकड़ से बाहर था. पीएसी कैंप पर हमले में तीन चार जवान शहीद हुए थे, जबकि कुछ घायल हुए थे. यह मेरठ के लिसाड़ी गेट का रहने वाला है. अभी इससे पूछताछ की जा रही है. सलीम पतला के पास से दो पासपोर्ट व संदिग्ध दस्तावेज आदि बरामद हुए हैं. एटीएस दस्तावेजों की जांच पड़ताल में जुटी है.
कौन है सलीम पतला
हाशिमपुरा कांड के कुछ समय बाद 26 जनवरी 93 को लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र में सलीम पतला ने अपने साथियों के साथ पीएसी की पिकेट पर बम धमाका किया था. इस धमाके में दो पीएसी के जवान शहीद हो गए थे. मामले में टाडा अदालत में मुकदमा चला और दो आरोपियों अब्दुल जब्बार और मोहम्मद अय्यूब को सुप्रीम कोर्ट तक से उम्रकैद की सजा हुई, लेकिन बम धमाके का मास्टर माइंड सलीम पतला पुलिस की पकड़ से दूर चल रहा था. अब जाकर वह एटीएस के हत्थे चढ़ा है.
टुंडा से मिली सलीम को ट्रेनिंग
सलीम पतला को बम बनाने की ट्रेनिंग पिलखुवा निवासी आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा ने ही दी थी. इसके बाद सलीम ने मेरठ समेत देशभर में कई ब्लॉस्ट की घटनाओं को अंजाम दिया. गत वर्ष टुंडा के पकड़े जाने के बाद सलीम की तलाश भी तेज कर दी गई थी और वह अब जाकर पुलिस के हत्थे चढ़ा.
पुलिस ने बताया कि यह कुख्यात आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के लिए काम करता है. इसकी गिरफ्तारी के बाद मेरठ एटीएस और पुलिस के कई बड़े अधिकारी उससे पूछताछ करने मुजफ्फरनगर पहुंच गए हैं.
खतौली पुलिस ने नौचंदी थाने और मेरठ पुलिस से सलीम पतला के आपराधिक इतिहास का ब्यौरा मांगा है. पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में उसके तमाम ठिकानों और अन्य साथियों के बारे में भी पुख्ता सूचनाएं मिल सकती हैं.
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश आतंकियों की गतिविधियों का केंद्र बन गया है. लश्कर आतंकी सुभान और उसके कुछ साथियों के पकड़े जाने के बाद यह गिरफ्तारी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. सुभान हरियाणा के मेवात मॉड्यूल के तहत काम करता था. शलीम ने शामली और मुजफ्फरनगर के राहत शिविरों का दौरा कर दंगा पीड़ितों को बरगलाने की कोशिश की थी.
Tweet |