किसान की बेटी ने न्यायिक सेवा में16वीं रैंक प्राप्त की
यह एक बड़ी खुशी की बात है कि शिक्षा का प्रभाव अब मुस्लिम समाज की लड़कियों पर भी दिखाई देने लगा है.
अपने परिवार के साथ नुहिन जैदी. |
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में शिया मुस्लिम किसान की बेटी ने न्यायिक सेवा की परीक्षा पास कर जनपद के साथ अपने गांव व माता रानी बेगम व पिता हसन अख्तर जैदी का नाम रोशन किया है. शिया मुस्लिम समुदाय की यह प्रदेश में दूसरी लड़की है जिसने न्यायिक सेवा परीक्षा प्रदेश में 16 वीं रैंक लेकर पास की है.
नुहिन नव विवाहित है और उसके पति बाबर अली हमदर्द फार्मेसी में कार्यरत है. जनपद के तहसील जानसठ के गांव चितौड़ा निवासी किसान हसन अख्तर जैदी जो एक विधि स्नातक है मगर वह अपनी खेती के कारण विधि की शिक्षा को आगे नहीं जारी रख सके थे. हसन अख्तर ने अपनी इस अधूरी शिक्षा व प्रतिभा को अपनी बेटी नुहिन जैदी में तलाश करते हुए उसे विधि की शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया.
नुहिन ने हाई स्कूल की परीक्षा गांव में रह कर इन्टर जैन कन्या पाठशाला, जानसठ व विधि स्नातक डीएवी कालेज से और एलएलएम मेरठ कालेज से पास कर प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा में 16 वीं रैंक प्राप्त कर सिविल जज का पद प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है.
नुहिन जैदी बताती है कि इस सफलता में सबसे पहले खुदा का करम उसके बाद उसके पिता व माता रानी बेगम व उनके शिक्षक गुरु ऋषिपाल परिहार प्रधानाचार्य श्रीराम लॉ कालेज का सहयोग मिला. इस परीक्षा की प्रेरणा प्रदेश की प्रथम न्यायिक सेवारत शिया लड़की शाजिया नजर जो जनपद के गांव बेलड़ा निवासी है, से मिली है. नुहिन ने कहा, वह अपनी सीमा में रहकर ईमानदारी से संविधान की सेवा करेगी.
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