मोदी को परखना चाहती है जनता, इसलिए महाराष्ट्र-हरियाणा में भाजपा को मिला फायदा: मायावती

Last Updated 21 Oct 2014 05:33:25 PM IST

महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में बसपा के अत्यंत खराब प्रदर्शन पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में मायावती ने कहा है कि जनता केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को और समय देकर जांचना परखना चाहती है.


बसपा प्रमुख मायावती (फाइल फोटो)

बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘इन चुनाव परिणामों को केन्द्र की सफलता के रूप में नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि देश की जनता ने केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को हटाकर भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को बैठाया और अब यह सोचकर उसी भाजपा-एनडीए को वोट दिया कि नयी केन्द्र सरकार को अभी छह माह का समय भी नहीं हुआ है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘.. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी बार बार इस संबंध में समय की मांग कर रहे हैं, इसलिए जनता ने सोचा कि इस (एनडीए) सरकार को थोड़ा और समय देकर थोड़ा और जांचा परखा जाए तथा इसी का सीधा फायदा भाजपा को इन विधानसभा चुनावों में हुआ तथा बसपा को खास सफलता नहीं मिल पायी.’’

मायावती ने बसपा की उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड प्रदेश इकाइयों के पदाधिकारियों की बैठक में कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र के लोग मोदी के इस बहकावे में आ गये कि कांग्रेस के मुकाबले उनके प्रदर्शन को इतने कम समय में नहीं आंका जाए. इसका भाजपा को फायदा मिला और संभव है कि आने वाले समय में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां भी भाजपा अपने इस तर्क से लोगों को बरगलाने में थोड़ा सफल हो जाए.

मायावती ने कहा कि यह वास्तविकता जगजाहिर है कि भाजपा ने चुनाव के दौरान जितने भी जनहित से जुड़े वायदे देश की जनता से किये थे, उन्हें पूरा करने के लिए अब तक कोई ठोस और सही कदम नहीं उठाया गया है.

उन्होंने कहा, ‘‘इतना ही नहीं काला धन वापस लाने के मामले में मोदी सरकार ने शुतुरमुर्ग की तरह अपना मुंह रेत में छिपा लिया है और अपने चुनावी वायदे से एकदम उलट वही गलत रवैया अपना लिया है, जो रवैया इस मामले में कांग्रेस पार्टी का रहा था कि काला धन रखने वालों के नाम तक जनता को नहीं बताये जा सकते हैं, विदेश से काला धन वापस लाना तो दूर की बात है.’’

बसपा प्रमुख ने कहा कि देश के गरीबों को सरकारी खर्च पर पक्का मकान बनाकर देने का वायदा किया गया था. परंतु ऐसा नहीं करके इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. अब इस सरकार ने सांसद निधि से गांव के विकास की नयी पैंतरेबाजी शुरू कर दी है जबकि इस कार्य के लिए सांसद निधि की बजाय अलग से सरकारी धन का इंतजाम किया जाना चाहिए था.

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा व्यापारी वर्ग की पार्टी है और उसी वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए केन्द्र सरकार ने एक और यू टर्न लेते हुए डीजल की कीमत को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया है. यह विशुद्ध रूप से महंगाई को और बढ़ाने वाला फैसला है और पूर्ण रूप से जन विरोधी और किसान विरोधी है. यही कारण है कि मोदी सरकार ने यह फैसला हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद लिया है.’’

मायावती ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत’ के नाम पर तरह-तरह की नाटकबाजी की जा रही है. आज भी सार्वजनिक सफाई के लिए वही सदियों पुरानी झाडू का ही सहारा लिया जा रहा है जबकि बेहतर होता कि इसके लिए समुचित धन की व्यवस्था कर नयी मशीनों का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाता.

उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, देश की करोड़ों गरीब जनता के हित और कल्याण के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाकर केन्द्र की भाजपा सरकार केवल पूंजीपतियों की उम्मीदों के अनुसार कार्य करने में व्यस्त नजर आती है.



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