सजने-संवरने के लिए पति से पैसे मांगना घोर क्रूरता
एक अदालत ने पति से सजने-संवरने और घूमने-फिरने के लिए पैसे की जिद करना और इसके लिए पति को प्रताड़ित करना पति के प्रति घोर क्रूरता माना है.
अदालत |
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने पत्नी द्वारा शादी के तुरंत बाद पति के परिवार वालों को घर से बाहर निकालने, सजने-संवरने और घूमने-फिरने के लिए हर महीने निश्चित रकम की जिद करने और पति और ससुराल वालों को मानसिक-शारीरिक प्रताड़ना देने को पति के साथ घोर क्रूरता माना है.
ऐसे ही एक मामले में पति ने शादी के एक साल के अंदर ही तलाक की अर्जी दी थी जिसे निचली अदालत ने मंजूर कर लिया और हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को सही माना.
कोर्ट के मुताबिक, दोनों की शादी 5 फरवरी, 1991 को हुई और शादी के बाद पत्नी ने ससुरालवालों को घर से बाहर करने की जिद ठान ली. वह पति से हर माह तीन हजार रुपए चाहती और मना करने पर पति और उसके परिवार वालों से मारपीट करती.
उसकी मां और दो भाइयों ने भी पति और उसके परिवार को धमकाया. मेडिकल चैकअप में भी उसके साथ चोटों की पुष्टि हुई है.
इससे परेशान होकर पति ने शादी के आठ माह के भीतर ही फैमिली कोर्ट की विशेष अनुमति से तलाक की अर्जी डाल दी.
इसके बाद 13 साल तक यह केस चला और अंतत: कोर्ट ने पति की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली और पत्नी के आचरण को देखते हुए उसे स्थायी भरण-पोषण देने से भी इंकार कर दिया.
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