हिंदू एकता के लिए सामाजिक सद्भाव और त्याग की जरूरत : मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिन्दुत्व अपने आप में ही सामाजिक सद्भाव और सहकार का प्रतीक है.
हिंदू एकता के लिए त्याग की जरूरत (फाइल फोटो) |
भागवत ने रविवार को लखनऊ में कहा कि जब विश्व भर में अराजक ताकतें पैर फैला रही हैं तो हिन्दुत्व का सामाजिक सद्भाव और सबको साथ लेकर चलने का दर्शन तत्व ज्यादा महत्वपूर्ण और प्रासंगिक हो गया है.
उन्होंने कहा कि हिन्दू मतावलम्बियों के लिए परस्पर वैचारिक कटुता की भावना को त्यागकर एकता बनाये रखने की जरूरत है और इस एकता के लिए त्याग की जरूरत है.
भागवत ने कहा कि हिन्दुत्व अपने आप में ही सामाजिक सद्भाव और सहकार का प्रतीक है परन्तु वर्तमान परिस्थितियों में इसके लिए संघ की भूमिका और बढ़ गयी है. उन्होंने कहा कि संघ के क्रियाकलापों को लेकर जब प्रतिक्रियावादी ताकतें तरह-तरह के भ्रामक प्रचार कर रही हैं तो संघ कार्यकर्ताओं को ज्यादा सतर्क रहते हुए अपने विचार और आचरण से दृढ़ता के साथ पक्ष प्रस्तुत करना होगा.
विश्व शांति, एकता व सद्भाव के लिए करें कार्य
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की तीन दिवसीय बैठक के अंतिम दिन देश भर से आये संघ के कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न आनुषांगिक संगठनों के प्रमुखों से सरसंघ चालक ने कहा कि संघ की भूमिका अब केवल भारत तक ही सीमित नहीं रह गयी है बल्कि विश्व में शांति, एकता तथा सामाजिक सद्भाव बनाने के लिए संघ कार्यकर्ताओं को आगे बढ़कर काम करना होगा.
छोटे-मोटे मतभेद भूलने की सलाह
संघ प्रमुख ने कहा कि संघ विभिन्न 50 क्षेत्रों में सामाजिक सद्भाव एवं गरीबों के विकास का काम कर रहा है. इन कार्य में संघ के लोगों में भी आपसी वैचारिक मतभेद की बातें उभरती हैं.
सबकी मंशा अपने क्षेत्र में काम करने वालों के हितों के काम करने की है परन्तु नियंत्रण स्तर पर कार्य करने के लिए ऐसे छोटे-मोटे मतभेद भूलकर सम्यक विकास एवं सद्भाव के लिए काम करने की जरूरत है.
सूत्रों का कहना है कि संघ प्रमुख का इशारा विश्व हिन्दू परिषद, मजदूर सभा तथा किसान संघ के आपसी मतभेदों और सरकार से तल्खी को समाप्त करने का है.
शीघ्र तय होगी आनुषांगिक संगठनों की भूमिका
वैसे संघ की इस बैठक में संघ के उद्बोधन के बाद यह साफ हो गया कि विहिप की अगले वर्ष होने वाले कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए सभी आनुषांगिक संगठनों की भूमिका तय कर दी जाएगी.
विहिप की सक्रियता के साथ ही राम मंदिर निर्माण के कार्य में भी तेजी आने की संभावना है. तब तक संघ परिवार ने मोदी सरकार को मंदिर निर्माण के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का भी संकेत दिया है.
नये क्षेत्रों में भूमिका बढ़ाने पर भी जोर
संघ ने नये क्षेत्रों में भूमिका बढ़ाने पर भी जोर दिया है. इसके लिए इसी वर्ष पर्यावरण संरक्षण, जल संचयन, तकनीक तथा प्रबंधकीय क्षेत्र की युवा लॉबी को संगठित करने के लिए नयी शाखाओं एवं प्रकोष्ठों का गठन किये जाने का निर्णय लिया गया है.
अगली बैठकों में इन कार्य के लिए जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. संघ ने देश की राजनीतिक एवं सामाजिक स्थिति, अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति में संघ की भूमिका पर प्रस्ताव पारित किया.
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