भाकियू बृहस्पतिवार को रोकेगी दिल्ली का पानी!
दिल्ली स्थित 12 तुगलक रोड कोठी को चौधरी चरणसिंह स्मारक के रूप में तब्दील न किए जाने से खफा किसान 18 सितम्बर को मुरादनगर पहुंचकर यूपी से दिल्ली को हो रही जलापूर्ति ठप करेंगे.
भाकियू बृहस्पतिवार को रोकेगी दिल्ली का पानी! |
यह बात भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कही.
उन्होंने कहा कि किसानों की चौधरी चरणसिंह के आदर्शों में अटूट आस्था है. 1987 में चौधरी चरणसिंह का आशियाना 12 तुगलक रोड कोठी रही. इस कोठी में चौधरी चरणसिंह की यादें जुड़ी होने के कारण किसानों का इससे खासा लगाव रहा है.
चरणसिंह के निधन के बाद उनकी स्मृति में किसानों ने दिल्ली में किसान घाट और 12 तुगलक रोड कोठी को चौधरी चरणसिंह की याद में स्मारक बनाए जाने की अपनी भावनाओं का इजहार किया.
तत्कालीन हुक्मरानों ने किसान घाट का निर्माण कराया. चौधरी चरणसिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी गायत्री देवी का यही कोठी आशियाना बनी. चौधरी अजित सिंह भी अपनी मां के साथ यहां रहने लगे.
किसान इस कोठी को चौधरी चरणसिंह स्मारक के तौर पर ही देखते रहे. इस बार केंद्र में निजाम बदला और इस कोठी को खाली कराने की कसरत हुई तो किसानों को इसका अहसास हुआ कि तत्कालीन हुक्मरानों ने इसे सरकारी दस्तावेजों में चौधरी चरणसिंह स्मारक अंकित नहीं कराया था.
श्री टिकैत ने कहा कि इसके लिए 1987 के बाद से केंद्र में रहे सभी हुक्मरान दोषी हैं मगर मौजूदा केंद्र सरकार ने भी किसानों की इस भावना का सम्मान नहीं किया और इस बात से वे आक्रोशित हैं. उन्होंने कहा कि 12 तुगलक रोड कोठी सरकारी अभिलेखों में चौधरी चरणसिंह स्मारक अंकित की जानी चाहिए.
17 वर्षो बाद इसे लेकर आवाज बुलंद किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में श्री टिकैत ने कहा कि 1987 में किसान घाट को अस्तित्व में लाया गया मगर सरकारी अभिलेखों में यह आठ साल बाद अंकित हुआ.
किसानों को अब सच्चाई का अहसास हो गया है और वह चौधरी चरणसिंह की यादें समेटे हुई इस कोठी को सरकारी अभिलेखों में स्मारक अंकित कराने तक चैन से नहीं बैठेंगे. इसीलिए किसानों ने मुरादनगर से हो रही दिल्ली को जलापूर्ति ठप कर केन्द्र सरकार को आईना दिखाने का निर्णय लिया है. वह यहां से मुरादनगर पहुंचकर जलापूर्ति ठप करने का तकनीकी सव्रे करेंगे और बृहस्पतिवार को हर हाल में जलापूर्ति ठप करेंगे.
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