मेरे बेटे अनंत का इस्तेमाल कर रही हैं गरिमा: संजय सिंह

Last Updated 15 Sep 2014 02:23:57 PM IST

अमेठी के ‘भूपति भवन’ पर कब्जे को लेकर जारी गतिरोध के बीच राजमहल के मालिक संजय सिंह ने अपनी पहली पत्नी गरिमा पर सम्पत्ति के लिये अपने बेटे अनंत विक्रम सिंह का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.


संजय सिंह (फाइल फोटो)

सोमवार को कांग्रेस राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि महल में कौन रहेगा और कौन नहीं, इसका फैसला वह कानूनी सलाह लेने के बाद करेंगे.

संजय ने भूपति भवन की विरासत को लेकर रविवार को हुई खूनी जंग के बाद संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया ‘‘गरिमा और अनंत के बीच एक सौदा हुआ है. गरिमा 20 साल पहले भूपति भवन की काफी चल सम्पत्ति लेकर इलाहाबाद चली गयी थीं. उसी के बाद मैंने अपने बेटे अनंत और बेटियों शैव्या और महिमा की सहमति से अमिता से शादी की थी. उस चल सम्पत्ति पर पर्दा डालने के लिये गरिमा ने अनंत का सहारा लिया है. इसमें अनंत की सास भी शामिल हैं.’’

उन्होंने कहा ‘‘19 वर्षों से अनंत, शैव्या और महिमा मेरे साथ थीं. हमने ही अनंत की शादी की. जब वह मेरे साथ थे तो मर्चेंट नेवी में कैप्टन थे, आज जब गरिमा के साथ हैं तब हत्या के मुल्जिम बनने जा रहे हैं.’’

अनंत और उनकी मां गरिमा के भूपति भवन में आगे भी रहने की सम्भावनाओं के बारे में पूछे जाने पर संजय ने कहा, ‘‘अनंत पहले भी यहां थे और आज भी हैं, लेकिन मैं 19 साल से गरिमा सिंह को नहीं जानता हूं. कौन महल में रहेगा और कौन बाहर जाएगा, इसके लिये मैं कानूनी सलाह लेने के बाद ही फैसला करूंगा. मैं एक जिम्मेदार पिता हूं और मैं इस विवाद का हल अवश्य निकालूंगा.’’

संजय ने आरोप लगाया कि मीडिया के कुछ लोगों ने उनके पारिवारिक मामले को जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और अनंत को उनके खिलाफ खड़ा करने की कोशिश की. उसी का नतीजा है कि रविवार को भूपति भवन के सामने खूनी संघर्ष हुआ.

यह पूछे जाने पर कि क्या आपने मामले को सुलझाने के लिये अनंत से कोई बात की, संजय ने कहा कि रविवार से मेरे और अनंत के बीच बातचीत की कोई स्थिति नहीं बनी.

यह पूछे जाने पर कि पुलिस ने रविवार को सिपाही को गोली लगने के बाद काफी तांडव किया, उन्होंने कहा ‘‘हमें अपने ही घर आने से रोका जा रहा था, जबकि मैं ही इस घर का मालिक हूं. जब तक मालिक जिंदा है तब तक उसे कोई नहीं रोक सकता. प्रशासन पर मेरे इशारे पर काम करने का आरोप गलत है.’’

इस बीच, अनंत विक्रम सिंह ने भी संवाददाताओं से बातचीत में अपने पिता के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि वह किसी के बहकावे पर काम नहीं कर रहे हैं.

अनंत ने आरोप लगाया कि संजय ने कभी पिता धर्म का पालन नहीं किया. वे कभी अमिता के साथ नहीं थे. उन्होंने कहा कि संजय और अमिता की शादी गैर-कानूनी है और गरिमा ही उनकी असली पत्नी हैं.

अनंत ने संजय और अमिता को सैयद मोदी हत्याकांड में लपेटते हुए सरकार से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि अमिता और संजय ही पूरी तरह से उस घटना में लिप्त हैं. मोदी के परिवार को आज तक न्याय नहीं मिल पाया है.

उन्होंने कहा कि वर्ष 1993 में इस मामले को यह कहकर खारिज कर दिया गया था कि उसमें कोई गवाह नहीं है, जबकि सच यह है कि मामले की लीपापोती की गयी थी.

गरिमा सिंह भी मीडिया के सामने आयीं और कहा कि सरकार को सैयद मोदी हत्याकांड की सीबीआई से जांच करानी चाहिये. जांच के बाद साफ हो जाएगा कि कौन दोषी है.

उन्होंने कहा ‘‘मैं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मेनका गांधी और भाजपा के शीर्ष नेताओं से मांग करती हूं कि कल जो भी अमेठी में हुआ, उसकी भी सीबीआई जांच हो.

गरिमा ने कहा ‘‘अमिता से संजय की शादी गैर-कानूनी है और यहां पर विरासत की जंग नहीं बल्कि अधिकार की लड़ाई लड़ी जा रही है. मेरे बेटे, बहू और पोते को उसका हक नहीं मिल रहा था, इसलिये मुझे आगे आना पड़ा.’’

गौरतलब है कि रविवार को संजय सिंह और उनकी पत्नी अमिता के भूपति भवन पहुंचने की सूचना पर सिंह के बेटे अनंत के समर्थक महल के बाहर एकत्र हो गये थे और अंदर घुसने से रोके जाने पर उनके और पुलिस के बीच संघर्ष हो गया था. इस दौरान भीड़ की तरफ से चली गोली लगने से सिपाही विजय कुमार मिश्रा (45) की मृत्यु हो गयी थी. बवाल में कई मीडियाकर्मियों समेत करीब 30 लोग जख्मी हो गये थे.

इस मामले में अनंत विक्रम सिंह समेत सात लोगों के खिलाफ नामजद और 250 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है.

जिलाधिकारी जगतराज तिवारी ने बताया कि भूपति भवन के बाहर पांच कम्पनी पीएसी, तीन प्लाटून रैपिड एक्शन फोर्स, चार उपजिलाधिकारी, तीन पुलिस क्षेत्राधिकारी तथा छह थानाध्यक्ष तैनात हैं. रामनगर की तरफ जाने वाले सभी मागोर्ं को करीब दो किलोमीटर पहले ही बंद कर दिया गया है.



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