उत्तर प्रदेश के 53 जिले आपदाग्रस्त घोषित
बाढ़ से तबाही और सूखे की मार के मद्देनजर राज्य सरकार ने 53 जिलों को दैवी आपदाग्रस्त घोषित कर दिया है.
अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश सरकार (फाइल फोटो) |
इनमें 41 जिलों को सूखा और 12 को बाढ़ के चलते आपदाग्रस्त घोषित किया गया है. प्रदेश सरकार के इस कदम से बाढ़ और सूखा प्रभावित जनपदों के लिए केन्द्र सरकार से विशेष राहत पैकेज मिलने का रास्ता खुल गया है. आपदा प्रभावित जिलों के किसानों से सहकारी बैंकों के ऋण तथा अन्य बकाया वसूली को स्थगित करने का निर्णय राज्य सरकार पहले ही ले चुकी है लेकिन इन जिलों को आपदाग्रस्त घोषित किये जाने के बाद किसानों से राष्ट्रीयकृत बैंकों के ऋण की वसूली भी रुक जाएगी.
प्रमुख सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त केएस अटोरिया ने बताया कि सूखा और बाढ़ प्रभावित जनपदों को विशेष राहत पैकेज के लिए केन्द्र सरकार को अलग-अलग मेमोरेन्डम भेजकर विशेष राहत पैकेज मांगा जाएगा, ताकि आपदाग्रस्त जिलों के प्रभावित परिवारों के नुकसान की भरपाई हो सके. फिलहाल, राज्य सरकार की तरफ से केन्द्र को भेजे गए पत्र में 53 आपदाग्रस्त घोषित जिलों में बाढ़ और सूखे की वजह से हुए अनुमानित नुकसान से अवगत करा दिया गया है.
इसके साथ ही प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों तथा कृषि विभाग, सिंचाई , लोकनिर्माण , पीडब्ल्यूडी, नगर विकास व ग्राम्य विकास विभाग से नुकसान के बारे में रिपोर्ट तलब की गई है. रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार मेमोरेन्डम की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर केन्द्र को भेजेगी, ताकि विशेष राहत पैकेज मिल सके.
बाढ़ के कारण जिन जिलों को आपदाग्रस्त घोषित किया गया है, उनमें बहराइच, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, फैजाबाद, संतकबीरनगर, गोण्डा, बस्ती तथा सीतापुर हैं. सूखे की वजह से जिन जनपदों को आपदाग्रस्त घोषित किया गया है, उनमें बांदा, झांसी, हमीरपुर, मिर्जापुर, ललितपुर, जालौन, कानपुर देहात, कानपुर नगर, फरुखाबाद, इटावा, उन्नाव, हरदोई फतेहपुर, इलाहाबाद तथा कौशाम्बी सहित अन्य जिले हैं. विदित हो कि नीदरलैण्ड की यात्रा पर जाने से पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को बाढ़ और सूखे को लेकर मुख्य सचिव आलोक रंजन की मौजूदगी में सम्बंधित विभागों के साथ लम्बी बैठक की थी.
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