मृत मान लिया गया गया आरटीआई कार्यकर्ता गिरफ्तार
करीब चार माह पहले कासना थाना क्षेत्र में कार में जलकर मरे आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट को पुलिस ने जिंदा गिरफ्तार किया है.
पुलिस गिरफ्त में आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रमोहन |
गिरफ्तारी के बाद उसने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. पारिवारिक उलझनों से परेशान व नई प्रेमिका के साथ नई जिंदगी शुरू करने के लिए उसने अपनी कार में एक विक्षिप्त व्यक्ति को मारकर जला डाला. इसके बाद वह नई पहचान के साथ बेंगलुरू चला गया. कुछ दिन बाद ही उसने अपनी प्रेमिका को भी बुला लिया. इस साजिश में उसने अपने साले को भी शामिल किया. फिलहाल पुलिस उसके साले की तलाश कर रही है. पुलिस ने चंद्रमोहन शर्मा की पत्नी सविता शर्मा और उसकी प्रेमिका को साजिश में शामिल होने से इनकार किया है.
एसएसपी डॉ. प्रीतिन्द्र सिंह ने बताया कि एक मई 2014 की रात कासना क्षेत्र में एक जली हुई कार से लाश बरामद हुई थी. कार के रजिस्ट्रेशन व चेचिस नम्बर के आधार पर पता चला कि कार आरटीआई कार्यकर्ता चन्द्रमोहन शर्मा की है. चन्द्रमोहन का परिवार ग्रेटर नोएडा में रहता है. परिजनों ने बताया था कि चन्द्रमोहन होंडा कम्पनी में काम करता था. कार जलने से कुछ ही देर पहले कम्पनी से घर के लिए निकला था. परिजनों ने इस मामले में उसकी हत्या की आशंका जताते हुए पांच लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी. परिजनों का कहना था कि गांव की एक जमीन को लेकर चंद्रमोहन का नामजद लोगों के साथ विवाद चल रहा था.
इसी बीच 7 जून को चन्द्रमोहन के सेक्टर में रहने वाली एक युवती लापता हुई. इस केस में पहले गुमशुदगी, फिर अपहरण का केस दर्ज हुआ था. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि युवती द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल सिम को चंद्र मोहन की आईडी से जारी किया गया था. इससे पुलिस का माथा ठनका और दोनों मामलों की जांच एक साथ शुरू की गई.
एसएसपी ने बताया कि 9, 12 एवं 13 अगस्त को युवती के परिजनों के पास एक नम्बर से फोन आया कि उनकी बेटी तिरुपति बाला जी के पास लावारिस पड़ी हुई है, आकर ले जाएं. परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. जिस नम्बर से युवती के परिजनों को फोन आए थे उस नम्बर की डिटेल निकाली गई. एक फोन नम्बर बेंगलुरू के केआरकेपुरा जबकि दो बार फोन होजकोटे से एक क्वाइन पीसीओ से किए गए थे. इसके बाद पुलिस की तीन टीमों को रवाना किया गया.
शक के आधार पर चन्द्रमोहन की फोटो पुलिस ने उस पीसीओ एवं उसके आस-पास के लोगों को दिखाई. इसके बाद पता लगा कि होंडा कम्पनी के कर्मचारी की यूनिफार्म पहने हुए एक व्यक्ति ने ये फोन किए थे. इसके बाद उस दुकान के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई. छानबीन के दौरान पुलिस को पता लगा कि वहां से कुछ ही दूरी पर कोलार जिले की नर्सापुर में टू व्हीलर बनाने वाली होंडा की फैक्टरी है.
पुलिस टीम ने फैक्टरी में चंद्रमोहन की फोटो दिखाई और सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो एक व्यक्ति के बारे में जानकारी मिली लेकिन उसका नाम नितिन शर्मा पुत्र आरसी शर्मा निवासी नलवा, हिसार, हरियाणा बताया गया. पुलिस वहीं मौजूद रही एवं शाम 6 बजे शिफ्ट समाप्त होने पर गेट पर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. पूछताछ के दौरान पुलिस को उसने अपना नाम नितिन ही बताया, लेकिन जांच के दौरान उसके हाथ पर चन्द्रमोहन, सविता एवं बंटी नाम के टैटू बने हुए दिखे. इसके बाद उसकी निशानदेही पर पुलिस ने कोलार से उस युवती को भी बरामद कर लिया जो ग्रेटर नोएडा से गायब थी. यह युवती उसके साथ लिव इन रिलेशन में रह रही थी.
एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में चंद्रमोहन ने बताया कि इस पूरी साजिश में उसका साला विदेश भी शामिल था. चंद्रमोहन ने पुलिस को बताया कि कार में मिला शव एक अर्धविक्षिप्त व्यक्ति का था. घटना से दो दिन पहले ही उसने उक्त व्यक्ति को अंसल प्लाजा के पास देखा था. इस दौरान उसने उससे बातचीत करने की भी कोशिश की थी. 30 अप्रैल को ही चन्द्रमोहन ने तुगलपुर स्थित एक पेट्रोल पम्प से एक गैलन में तीन लीटर पेट्रोल खरीदकर कार में रख लिया था.
घटना के दिन 1 मई को आफिस से निकलने से पहले चन्द्रमोहन ने अपने आफिस के लैंडलाइन नम्बर से फोन कर अपने साले विदेश को अंसल प्लाजा के पास बुला लिया था. रात करीब 11 बजे के बाद दोनों अंसल प्लाजा के पास पहुंचे और बहला फुसलाकर मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति को अपनी कार में बैठा लिया. दोनों ने बेल्ट से गला घोंटकर कार में उसकी हत्या कर दी. इसके बाद उसे ड्राइविंग सीट पर बैठाकर कार में पेट्रोल डालकर आग लगा दी. इसके बाद उसके साले ने बाइक पर बैठाकर उसे परी चौक के पास छोड़ दिया. उसी दिन वह ट्रेन से बेंगलुरू के लिए रवाना हो गया.
कुछ दिन बाद उसने बेंगलुरू से फोन कर ग्रेटर नोएडा से गायब हुई युवती को फोन कर अपने जिंदा होने का प्रमाण दिया. 7 जून को वह फिर दिल्ली आया एवं प्लानिंग के मुताबिक उस युवती को लेकर ट्रेन से ही बेंगलुरू चला गया. एसएसपी ने बताया कि चन्द्रमोहन ने अपनी हाईस्कूल की मार्कशीट की फर्जी कापी बनाई. उसमें उसने अपना नाम नितिन, पिता का नाम आरसी शर्मा एवं जन्मतिथि 1977 से बदलकर 1984 कर ली. इस प्रमाण पत्र के आधार पर ही उसने बेंगलुरू की होंडा कम्पनी में नौकरी शुरू कर दी.
पूछताछ में चंद्रमोहन ने बताया कि उसे ग्रेटर नोएडा की होंडा कम्पनी में 40 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते थे लेकिन दोबारा नौकरी उसे मिली केवल 9 हजार रुपए में. इससे दोनों का गुजारा नहीं हो पा रहा था. इस वजह से उसने अपनी प्रेमिका को वापस भेजने का फैसला किया और पकड़ा गया. गौरतलब है कि चंद्रमोहन की हत्या की बात सामने आने के बाद ग्रेटर नोएडा में काफी हंगामा हुआ था. पुलिस की जांच की भी किरकिरी हुई थी. चंद्रमोहन के परिजनों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी.
साले की गिरफ्तारी के बाद खुलेंगी साजिश की परतें
चंद्रमोहन के साले विदेश की गिरफ्तारी के बाद इस साजिश की और भी परतें खुलेंगी. अभी पुलिस के सामने कई सवाल हैं जिनके जवाब विदेश ही दे सकता है. चंद्रमोहन ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने अपनी मौत के बाद पत्नी को बीमा के रूप में मिलने वाले 47 लाख रुपए और नौकरी का लालच दिया था. इसके अलावा उसने विदेश से कहा था कि उसकी हत्या में वह उन पांच लोगों को नामजद करे, जिनसे उसका जमीन का विवाद चल रहा है. उनके जेल में जाने के बाद उसे जमीन मिल जाएगी.
चंद्रमोहन से पूछताछ के आधार पर एसएसपी ने बताया कि चंद्रमोहन से उसकी पत्नी से रिश्ते अच्छे नहीं थे. इससे परेशान होकर उसने नई जिंदगी शुरू करने के लिए इतनी बड़ी साजिश को अंजाम दिया. उसकी कथित मौत के बाद मिलने वाले बीमा धन के 20 लाख रुपए उसकी पत्नी सविता को मिल गए थे. तीन चार दिन पहले चंद्रमोहन के जिंदा होने की बात सामने आई तो उसकी पत्नी ने बाकी के बचे रुपए निकालने की कवायद शुरू कर दी थी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बीमा धन अभी उसके खाते में ही है उसे जब्त करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी. उधर पुलिस विदेश की तलाश कर रही है. पुलिस अधिकारियों ने अब तक की जांच के आधार पर चंद्रमोहन की पत्नी सविता शर्मा और उसकी प्रेमिका के साजिश में शामिल होने से इनकार किया है. हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोनों से गहन पूछताछ की जाएगी.
फूलप्रूफ रची थी साजिश
चंद्रमोहन ने अपनी मौत की साजिश फूलप्रूफ रची थी. उसने अपनी पहचान देने के लिए एक ऐसे व्यक्ति की तलाश की जिसका कोई न हो. इसके लिए उसने विक्षिप्त व्यक्ति को मोहरा बनाया. फिलहाल उसकी पहचान नहीं हो पाई है. एसपी आरए बृजेश सिंह ने बताया कि पुलिस ने कार में मिले शव के डीएनए सेम्पल सुरक्षित रखे हैं. चंद्रमोहन ने अपनी साजिश को अंजाम देने के बाद अपने हुलिए में भी परिवर्तन किया था.
पहले उसने अपना मुंडन कराया और अपनी मूंछें भी हटा ली थीं. इसके अलावा उसने अपनी मार्कशीट में अपना नाम, जन्मतिथि और पिता का नाम भी बदल दिया था. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूरी साजिश से पर्दा उठाने के लिए चंद्रमोहन व विदेश के नाकरे टेस्ट भी कराए जाएंगे. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उसे आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा.
पुलिस टीम को मिला इनाम : चंद्रमोहन मामले का पर्दाफाश करने वाली टीम को एसएसपी की तरफ से 5 हजार और आईजी जोन मेरठ की तरफ से 15 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की गई है.
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