कार में जलकर मरा आरटीआई कार्यकर्ता निकला जिंदा!
संदिग्ध हालात में कार में जलकर जिस आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रमोहन शर्मा की मौत की बात की जा रही थी उसके जिंदा होने की अफवाह गर्म है.
जली हुई कार. चंद्रमोहन (इनसेट) |
इसको लेकर चारों तरफ चर्चा का माहौल है. मंगलवार को उनकी पत्नी ने दावा किया कि चंद्रमोहन को बेंगलुरू पुलिस ने महिला मित्र के साथ गिरफ्तार कर गौतमबुद्धनगर पुलिस के हवाले कर दिया है.
वहीं एसएसपी का कहना है कि मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस टीमों को तीन स्थानों पर भेजा गया है. ऐसी सूचना है कि चंद्रमोहन जिंदा देखा गया है. चंद्रमोहन शर्मा क्या वास्तव में जिंदा है, यह बड़ा सवाल है कि जली हुई कार में किसका शव मिला था.
ज्ञात हो कि आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रमोहन शर्मा की गत एक मई की रात कासना कोतवाली क्षेत्र में संदिग्ध हालात में कार में जलकर मौत हो गई थी. जली हुई कार में मिला शव चंद्रमोहन का होने की बात कही गई थी.
ड्यूटी से घर लौटते समय हादसा हुआ था. घटना के कुछ समय बाद ही इस तरह की अफवाह फैलने शुरू हो गई थी कि चंद्रमोहन शर्मा जिंदा है. पड़ोसी देश नेपाल में महिला मित्र के साथ रह रहा है.
मंगलवार सुबह उनकी पत्नी सविता शर्मा के मोबाइल पर किसी ने फोन किया और चंद्रमोहन शर्मा के जिंदा होने की अफवाह के बारे में बताया. धीरे-धीरे यह खबर पूरे शहर में फैल गई. सविता शर्मा का दावा है कि बेंगलुरू पुलिस ने चंद्रमोहन को एक महिला मित्र के साथ गिरफ्तार कर गौतमबुद्धनगर पुलिस के हवाले कर दिया है.
फिलहाल पुलिस ने सविता शर्मा को इस बारे में अभी कुछ नहीं बताया है. सविता शर्मा ने भी पुलिस से संपर्क नहीं किया. इस बारे में जब एसएसपी डॉ. प्रीतिंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि करीब 15 दिन पहले मुखबिर से सूचना मिली थी चंद्रमोहन शर्मा जिंदा देखा गया है.
सूचना के आधार पर पुलिस टीमों को बेंगलुरू, नेपाल बार्डर व दिल्ली भेजा गया है. यहां पर यह सवाल उठता है कि यदि आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रमोहन शर्मा जिंदा है तो आखिर उसकी जली हुई कार में किसका शव पड़ा मिला था. फोरेंसिक रिपोर्ट भी अभी तक नहीं आई है.
आखिर पुलिस ने उस समय किस आधार पर यह मान लिया था कि जली हुई कार में मिला शव आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रमोहन शर्मा का ही है. पुलिस जांच पर सवालिया निशान उठने लगा है.
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