मेरठ के बाल संप्रेक्षण गृह में किशोर अपचारियों का उत्पात
मेरठ में सूरजकुंड स्थित राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में किशोर अपचारियों ने शुक्रवार को जमकर उत्पात मचाया.
सूरजकुंड स्थित राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में उत्पात के बाद हालात पर काबू पाने का प्रयास करते आरएएफ के जवान. |
ज्वेनाइल जस्टिस बोर्ड की सदस्य के कार्यालय व संप्रेक्षण गृह के कमरों में भी तोड़फोड़ किए जाने के बाद लगभग चार घंटे तक राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में किशोर अपचारियों का कब्जा रहा. बवाल कर रहे किशोर अपचारियों का आरोप था कि उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं.
किशोर अपचारियों ने मेन गेट पर भीतर से ताला जड़ दिया तब वहां संप्रेक्षण गृह के कई कर्मचारी भीतर ही फंस गए. सूचना पाकर वहां पहुंचे एसीएम रामभरत तिवारी किशोर अपचारियों के हमले में घायल हो गए, वहीं कई पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए. नौचंदी थाना प्रभारी विनोद कुमार व कई सिपाही संप्रेक्षण गृह में ही फंस गए.
इसी बीच प्रभारी जिलाधिकारी/सीडीओ दीपचंद, एसएपी ओंकार सिंह भी वहां पहुंच गए. हालात बेकाबू होते देख रेपिड एक्शन फोर्स के जवानों को बुलाया गया. इस कार्रवाई के बाद ही संप्रेक्षण गृह में फंसे पुलिसकर्मी व कर्मचारी बाहर आ पाए. प्रभारी जिलाधिकारी का कहना है कि घटना की मजिस्ट्रीयल जांच का जिम्मा नगर मजिस्ट्रेट मुरलीधर मिश्र को सौंपा गया है.
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की सदस्य शोभा सक्सेना राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह पहुंची. उनके साथ पेशकार आशा तोमर भी थी. संप्रेक्षण गृह के कुछ अन्य कर्मचारी उनके कार्यालय में बैठे थे.
अचानक द्वितीय तल से कई किशोर अपचारी आए और उनके कार्यालय में घुस गए. उन्होंने वहां रखे कम्प्यूटर, कुर्सी, मेज, अलमारी में तोड़फोड़ की तथा कागजात व फाइल फाड़ दी. हालात बिगड़ते देख शोभा सक्सेना, आशा तोमर और सहयोगी सुनील नीचे आए और पुलिस को सूचना दी. इसके बाद हर बैरक के फर्श और वहां रखे सामान को किशोर अपचारियों ने खुर्द-बुर्द करना शुरू कर दिया. खिड़कियों से झांक रहे किशोर अपचारियों ने खिड़कियों के शीशे तोड़कर टूटा कांच नीचे खड़े पुलिस दल, मीडियाकर्मियों पर फेंक दिया जिससे वहां एकबारगी भगदड़ मच गई.
बवाल की सूचना पाकर एसीएम सिविल लाइन रामभरत तिवारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिविल लाइन शिवराज सिंह, नौचंदी थाना प्रभारी विनोद कुमार पुलिस दल के साथ वहां पहुंचे. इन अधिकारियों के साथ पुलिस बल के अलावा लीगल प्रोटेक्शन अफसर श्रीति सगर, आउट रीड वर्कर आशीष वर्मा ने भी राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में दाखिल होने का प्रयास किया. अचानक दरवाजे के जाल के पीछे रहे एक किशोर अपचारी ने उन पर डंडे से हमला कर दिया. डंडा लगने से एसीएम घायल हो गए, जबकि अन्य कुछ पुलिसकर्मी इस हमले में चोटिल हो गए. एसीएम को तत्काल बाहर लाकर उपचार के लिए भेजा गया. पुलिस क्षेत्राधिकारी शिवराज सिंह व कई पुलिसकर्मी भी नीचे आ गए.
किशोर अपचारियों का उत्पात इस हद तक बढ़ गया कि वहां तीन-चार सिपाहियों के साथ थाना प्रभारी विनोद कुमार भीतर ही फंस गए. हालात बिगड़ने की सूचना पाकर एडीएम सिटी एसके दूबे, सिटी मजिस्ट्रेट मुरलीधर मिश्रा, एसपी सिटी ओपी सिंह के अलावा मेडिकल, टीपीनगर, सिविल लाइन के थानेदार भी पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचे. इसी बीच एसएसपी ओंकार सिंह, प्रभारी जिलाधिकारी/सीडीओ दीपचंद भी वहां आ गए. दोनों अधिकारियों ने स्थिति पर नियंतण्रपाने का प्रयास किया मगर जब हालात नहीं सुधरे तो आरएएफ के जवानों को बुलाया गया. आरएएफ के जवान मेन गेट तोड़कर बाल संप्रेक्षण गृह में दाखिल हो गए.
किशोर अपचारियों को डराने के लिए आरएएफ के जवान ने धमाका किया. दरवाजा तोड़कर वह प्रथम तल में दाखिल हुए. कुछ ही देर में आरएएफ के जवानों ने उत्पात मचा रहे किशोर अपचारियों पर काबू पा लिया. एसएसपी का कहना है कि किशोर अपचारियों के हंगामे की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है. बिजली, पानी और खाने की व्यवस्था को लेकर हंगामा किए जाने की बात सामने आई है. वहीं किशोर अपचारियों के दो गुटों के बीच पहले हुए विवाद भी वजह होने की जानकारी मिली है. मामले की जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. सुरक्षा के मद्देनजर संप्रेक्षण गृह पर पुलिस बल तैनात किया गया है.
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