यूपी सीपीएमटी के परिणाम घोषित,हरदोई के शम्स मोहम्मद खान पहले स्थान पर

Last Updated 29 Jul 2014 11:18:24 AM IST

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में केजीएमयू प्रशासन ने सोमवार देर रात सीपीएमटी के परिणाम घोषित कर दिये.


हरदोई के शम्स मोहम्मद खान टॉपर

सर्वाधिक अंक हासिल कर हरदोई के शम्स मोहम्मद खान मेरिट में पहले और आजमगढ़ के अबू आसीम दूसरे और सहारनपुर के शुभम मल्होत्रा तीसरे स्थान पर रहे. लड़कियों में लखनऊ की आलिया जेहरा ने बाजी मारी. वह मेरिट सूची में चौथे स्थान पर रहीं, जबकि लखनऊ की ही प्रियांशी स्वरूप पांचवें स्थान पर रहीं.

सीपीएमटी के समन्वयक डा. एके सिंह ने देर रात परिणामों के बारे में जानकारी दी. मेरिट में नौवें स्थान पर लखनऊ के कुशाग्र श्रीवास्तव और दसवें स्थान पर नीलांश रहे.

डा. सिंह ने बताया कि सीपीएमटी में कुल 2104 सीटें है, जिनमें एमबीबीएस की कुल 1353 व बीडीएस की 51, बीएचएमएस की 300, बीएएमएस की 320 व बीयूएमएस की 80 (संभावित) सीटें हैं. शैक्षिक सत्र देर से न शुरू हो इसके लिए तीन अगस्त तक कांउसलिंग शुरू करा दी जाएगी.

उन्होंने बताया कि सीपीएमटी के लिए कुल एक लाख नौ हजार 295 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इनमें से एक लाख 358 छात्रों ने परीक्षा में हिस्सा लिया, जबकि आठ हजार 937 अनुपस्थित रहे.

उन्होंने बताया कि परिणाम 29 जुलाई को दोपहर बारह बजे तक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा. छात्र पर दोपहर बारह बजे के बाद परिणाम देख सकते हैं.

बड़ों से मिली डाक्टर बनने की प्रेरणा

सीपीएमटी की प्रवेश परीक्षा में टॉप टेन में प्रथम स्थान पर रहे हरदोई के शम्स मोहम्मद ने बताया कि डाक्टर बनने की प्रेरणा उसे अपने दादा से मिली.

\"\"दादा भी डाक्टर थे और उसे भी डाक्टर बनाना चाहते थे. आज वे इस दुनिया में नहीं है, पर उनके सपने को सच करने की पहली पायदान पर कदम रख दिया है. शम्स बताते है कि ईद की खुशी दुगनी हो गयी है. पिता इलियास आर्मी के सेवानिवृत्त कैप्टन है.

भाई - बहनों में सबसे छोटे शम्स बताते है कि वे न्यूरो सर्जन बनना चाहता है. डाक्टर बनने के लिए उसने कोचिंग के अलावा खुद भी दिन रात पढ़ाई की थी. उनका कहना है कि पढ़ाई जब भी करो एकाग्रता पूर्वक करो और दिनचर्या का शेडय़ूल बना कर किया जाए.

सीपीएमटी के टॉप टेन में दूसरे स्थान पर रहे आजमगढ़ के अबू आसिम का कहना है कि उसका बचपन से ही डाक्टर बनने का सपना था. उनके बड़े भाई डाक्टर हैं, जो उसकी सदैव प्ररेणा का स्रोत रहे हैं. वह बताते हैं कि पहली बार सीपीएमटी की प्रवेश परीक्षा दी थी. परीक्षा देने के बाद चयन की उम्मीद जरूर थी लेकिन सेकेण्ड नम्बर की उम्मीद नहीं थी. उसके पिता मोहम्मद मुज्जफर का सपना था कि वह डाक्टर बने.

राजधानी के नरही की प्रियांशी को जब पता चला कि सीपीएमटी की टॉप टेन में पांचवी रैंक मिली है तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा. देर रात परिणाम घोषित होने के बाद उनके घर पर शुभ चिंतकों का जमावड़ा लग गया. प्रियांशी की मां डा. रीता विद्यांत हिन्दू कालेज में शिक्षक हैं. पिता संजय स्वरूप अमीनाबाद स्थित एक बैंक में कार्यरत हैं.

प्रियांशी ने फोन पर बताया कि पिता संजय स्वरूप को आदर्श मानकर पढ़ाई करती थी. उसका कहना है कि जब भी पढ़े एकाग्र मन होना जरूरी है. हमेशा पढ़ाई में अव्वल रही है.

मां रीता ने बताया कि बेटे और बेटी को पढ़ाई की पूरी स्वतंत्रता दे रखी है. बेटी ने मेडिकल की तैयारी कर दूसरी बार में ही सीपीएमटी की प्रवेश परीक्षा अव्वल नम्बर से पास की है. देर रात तक बेटी के टॉप करने की खुशी में पड़ोसी बधाई देने के लिए आते रहे. प्रियांशी के रिश्तेदार का भी फोन पर शुभकानाएं देने का सिलसिला चलता रहा.

टॉप टेन में नवें स्थान पर रहे लखनऊ के विकासनगर निवासी कुशाग्र के माता-पिता भी पेशे से डाक्टर हैं. पिता डा. सुधीर लाल श्रीवास्तव ठाकुरगंज के टीबी अस्पताल में तैनात हैं जबकि मां रीता वर्मा सिटी स्टेशन के समीप बाल एवं महिला चिकित्सालय (सिल्वर जुबली) की चिकित्सा अधीक्षिका हैं. दोनों को प्रेरणा स्रोत मानते हुए सीपीएमटी की तैयारी की.

हालांकि उसके बड़े भाई-बहन इंजीनियर हैं पर माता-पिता किसी एक को डाक्टर बनता देखना चाहते थे. आज उनका सपना हो गया है. डाक्टर की पढ़ाई के लिए शुरू से ही माता-पिता ने पूरा सहयोग किया. इसी की बदौलत एम्स दिल्ली में भी चयन हो गया था.



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