लखनऊ में मोहनलालगंज गैंगरेप और मर्डर कांड: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किडनी ने उलझाया केस

Last Updated 22 Jul 2014 10:29:04 AM IST

यूपी की राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार और मर्डर मामले की गुत्थी उलझ गयी है.


किडनी

महिला की जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आयी है उसमें महिला की पहचान ही संदिग्ध है.

हैवानियत की शिकार बनी महिला के घर वालों ने दावा किया है कि उसकी एक ही किडनी थी. उसने अपनी दूसरी किडनी अपने पति को दान कर चुकी थी.

वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है मृतक महिला की दोनों किडनियां मौजूद थीं. रिपोर्ट में गुर्दे के सामने लिखा है कि दोनों किडनियों की हालत ठीक. पोस्टमॉर्टम दो फॉरेंसिक एक्सपर्ट समेत 6 डॉक्टरों के पैनल ने किया.

महिला के देवर ने बताया कि 15 अक्टूबर, 2011 को पीजीआई में किडनी ट्रांसप्लांट हुई थी. इस दौरान भाभी ने ही भाई को अपनी किडनी डोनेट की थी. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी 15 जून, 2001 को भाई की किडनी ट्रांसप्लांट हुई थी. तब मां ने किडनी दी थी. पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके शर्मा के मुताबिक भी 15 अक्टूबर, 2011 को महिला और उसके पति का किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन हुआ था.

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में महिला के प्राइवेट पार्ट में चोटों का जहां जिक्र है वह हिस्सा काफी हल्के से लिखा गया है, जबकि उस पेज की बाकी रिपोर्ट गहरे रंग में साफ लिखी है. विशेषज्ञ के मुताबिक रिपोर्ट एक ही डॉक्टर द्वारा लिखी जाती है. उसे कार्बन पेपर लगाकर लिखते हैं. इसलिए लिखावट एक सी आती है लेकिन यहां लिखावट दो तरह की दिख रही है.

पुलिस के मुताबिक गैंगरेप नहीं रेप हुआ

यूपी पुलिस ने लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस करके इस मामले को सुलझा लेने का दावा किया है. पुलिस ने कहा है कि महिला के साथ गैंगरेप हुआ ही नहीं था. इस वारदात को एक व्यक्ति ने अंजाम दिया था.

यूपी पुलिस के मुताबिक रेप की कोशिश नाकाम रहने पर उस व्यक्ति ने महिला की बेरहमी से हत्या कर दी थी. वहीं दूसरी तरफ पुलिस का यह भी कहना है कि यह जानकारी अंतिम नहीं है और अभी जांच जारी है.

उत्तर प्रदेश की एडीजीपी सुतपा सान्याल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सवालों के जवाब दिए. उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में हमें लगा कि इस वारदात में एक से ज्यादा लोग शामिल थे. लेकिन जैसे-जेसे जांच आगे बढ़ी तस्वीर सामने आती गयी.

पुलिस के मुताबिक जांच के बाद पता चला कि यह एक ही आदमी का काम है. उन्होंने बताया कि महिला के शरीर पर मिले बहुत से चोटों के निशानों से लग रहा था कि उसने खुद को बचाने के लिए कड़ा संघर्ष किया था. अगर इस वारदात में 1 से ज्यादा लोग होते तो महिला संघर्ष कर पाने की स्थिति में नहीं होती.

क्या है मामला?

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी रामसेवक उसी अस्पताल में काम करता है, जहां पर वह महिला नौकरी करती थी. उसने वारदात को अंजाम देने के लिए पूरी प्लानिंग की थी. वारादात वाली रात उसने फर्जी पते पर लिए गए सिम कार्ड से एक राजीव (अभी तक पता नहीं) बनकर महिला को फोन किया और एक फ्लैट दिखाने की बात कही. इसके बाद वह हेलमेट पहनकर बाइक पर उसके पास गया.

महिला ने उसे राजीव समझा और उसके साथ बैठ गई. मगर फ्लैट के बजाय वह महिला को स्कूल में ले गया. वहां पर उसने उसके साथ रेप की कोशिश की.

जब महिला ने विरोध किया तो रामसेवक हिंसक हो गया. महिला के साथ उसकी हाथापाई हुई. उसने महिला के प्राइवेट पार्ट्स पर वार किया.

खुद को बचाने के कोशिश में महिला बुरी तरह से जख्मी हो गई और आखिरकार ज्यादा खून बहने से उसकी मौत हो गई. इसके बाद रामसेवक वहां से फरार हो गया. अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह राजीव नाम का शख्स आखिर कौन है, जिसका नाम लेकर रामसेवक ने इस वारदात को अंजाम दिया.
 



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