सलमान खुर्शीद की प्रत्यक्ष और कल्याण सिंह की परोक्ष रुप से प्रतिष्ठा दांव पर
फर्रुखाबाद लोक सभा चुनाव पर विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की प्रतिष्ठा भी परोक्ष रुप से दांव पर लगी हुई है.
Salman Khurshid (file photo) |
लोक सभा चुनाव में विदेश मंत्री अपने संसदीय क्षेत्र फर्रुखाबाद में जहां एक ओर अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए जूझ रहे हैं वहीं स्थानीय नेताओं की नाराजगी के बावजूद मुकेश राजपूत को भाजपा का प्रत्याशी बना दिये जाने से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की प्रतिष्ठा भी परोक्ष रुप से दांव पर लगी हुई है.
राजपूत को कल्याण सिंह के चलते ही उम्मीदवार बनाया गया.
समाजवादी चिंतक डा राममनोहर लोहिया को पहली बार सांसद बनाने वाले फर्रुखाबाद संसदीय क्षेत्र में इस बार जहां केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद कथित रूप से वादे पूरे न कर पाने को लेकर जनता की नाराजगी से रूबरू हो रहे हैं तो मंत्रिपरिषद से बर्खास्त राज्यमंत्री नरेन्द्र सिंह यादव के पुत्र निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में सपा प्रत्याशी के विरुद्ध हैं. इस तरह से यहां चुनावी समर काफी दिलचस्प हो गया है.
केन्द्र में दो बार मंत्री रहने के बावजूद इस ’आलू पट्टी’ में आलू पर आधारित किसी उद्योग की स्थापना, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कपडा छपाई और जरी उद्योगों में लगे हजारों मुस्लिम कारीगरों की वहबूदी के लिए ’एक्सपोर्ट हब’ तथा ’टेक्स्टाइल पार्क ’ की स्थापना न करा पाने से सलमान खुर्शीद के विरूद्ध मतदाताओं में खासी नाराजगी बनी हुई है.
’दर दर मुसलमान घर घर सलमान’
कांग्रेस सांसद सलमान खुर्शीद द्वारा ’दर दर मुसलमान घर घर सलमान’ का नारा देकर मतदाताओं विशेष रुप से मुस्लिम समाज में माहौल बनाने की भरपूर कोशिशों के बावजूद फर्रुखाबाद की बदहाली को लेकर मतदाताओं में नाराजगी बनी हुई है.
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की बार बार कडी चेतावानियों के बावजूद अखिलेश सरकार में राज्यमंत्री नरेन्द्र सिंह यादव के बेटे सचिन यादव सपा प्रत्याशी के विरुद्ध निर्दलीय रुप से खडे हो गये जिसके चलते राज्यमंत्री को बर्खास्त कर दिया गया.
समाजवादी पार्टी ने पहले राज्यमंत्री नरेन्द्र सिंह यादव के बेटे सचिन यादव को प्रत्याशी घोषित किया था पर बाद में सीमावर्ती एटा जनपद के निवासी रामेर सिंह यादव को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया जिसका सचिन यादव ने विरोध किया और अंतत: सपा प्रत्याशी रामेर सिंह को हराने की नीयत से बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में खडे हो गये.
भाजपा प्रत्याशी को लेकर स्थानीय स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी के चलते समस्याओं से जूझना पड़ रहा है और इसके लिये पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के ऊपर ठीकरा फोड़ा जा रहा है. इस क्षेत्र से यूं तो 22 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं किन्तु वास्तविक संघर्ष कांग्रेस के सलमान खुर्शीद, भाजपा के मुकेश राजपूत, बसपा के पूर्वमंत्री ठाकुर जयवीर सिंह के मध्य होता नजर आ रहा है.
जहां तक मतों के बंटवारे का सवाल है, फरूखाबाद में सलमान खुर्शीद के कारण मुस्लिम मतों का बंटवारा नजर नहीं आता लेकिन अन्य जातीय समीकरणों के चलते खुर्शीद कडे संघर्ष में फंसे हुए हैं. इस संसदीय सीट पर जहां दो लाख से ज्यादा क्षत्रिय मतदाता है तो दो लाख से ज्यादा दलित वोट भी हैं जिसके चलते बसपा प्रत्याशी जयवीर सिंह को भी हल्के में नहीं लिया जा रहा है.
आगामी 24 अप्रैल को क्षेत्र के 16 लाख से अधिक मतदाता जिनमें आठ लाख 90 हजार 108 पुरुष तथा सात लाख 21 हजार 85 महिलायें हैं , 1443 मतदान केन्द्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने सांसद का चुनाव करेंगे.
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