तलवार दंपति को भेजा जा सकता है आगरा जेल
नोएडा में अपनी पु़त्री आरूषि और नौकर हेमराज की हत्या के सिलसिले में आजीवन कारावास की सजा प्राप्त दंपति राजेश और नुपूर तलवार को डासना जेल से आगरा केंद्रीय कारागार भेजा जा सकता है.
तलवार दंपति (File Photo) |
डासना जेल के अधीक्षक विरेश राज शर्मा ने कहा कि नियमों के तहत ऐसे व्यक्ति को जिसे सात वर्ष या उससे अधिक के जेल की सजा सुनाई गई हो, उन्हें आगरा केंद्रीय कारागार भेजा जाता है.
बहरहाल, तलवार दंपति ने अतिरिक्त महानिदेशक (कारागार प्रशासन एवं सुधार) आर पी सिंह को पत्र लिखकर इस आधार पर आगरा जेल भेजे जाने से छूट मांगी है कि उनके तीन वकील और रिश्तेदार दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से हैं.
शर्मा ने कहा कि "तलवार दंपति को आगरा केंद्रीय कारागार भेजे जाने का निर्णय तभी लिया जा सकता है तब एडीजी दंत चिकित्सक दंपति की अपील का निपटरा कर दें.’’
इस बारे में सम्पर्क किये जाने पर एडीजी ने हालांकि कहा कि उन्हें इस बारे में अभी तलवार दंपति का पत्र नहीं मिला है. उन्होंने कहा, ‘‘वह नियमों के खिलाफ नहीं जायेंगे."
गौरतलब है देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री आरुषि हेमराज हत्याकांड में सोमवार को दोषी पाए गए तलवार दंपति को गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. उन्हें धारा 201 के तहत (सबूत मिटाने) 5-5 साल की सजा और धारा 203 (जांच भटकाने के लिए) के तहत एक साल की सजा भी सुनाई गई है.
हालांकि सजा पर बहस करते हुए सीबीआई ने कोर्ट से फांसी की सजा की मांग की थी. कोर्ट ने सीबीआई की इस दलील को खारिज कर दिया, कि यह केस 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयर' की श्रेणी में आता है.
सोमवार को फैसला सुनाए जाने के बाद बचाव पक्ष ने शिकायत में कहा था कि उन्हें इंसाफ नहीं मिला है. बचाव पक्ष ने कहा कि जब तक मकसद साबित नहीं है, तो सिर्फ हालात की बिना पर कैसे तलवार दंपती को गुनाहगार ठहराया जा सकता है.
सीबीआई ने अपनी दलील में कहा है कि तलवार दंपति ने केवल आरुषि और हेमराज की न केवल हत्या की गई बल्कि उनके शवों को ब्लेड से काटा भी, इसलिए यह गंभीरतम अपराध की श्रेणी में आता है. लिहाजा उन्हें फांसी की सजा दी जानी चाहिए.
वहीं बचाव पक्ष ने कहा कि तलवार दंपति ने अपनी बेटी खोई है, इसके अलावा तलवार परिवार का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. लिहाजा उनकी सजा में नरमी बरती जाए.
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