प्रतापगढ़ में राजा भैया का किला भेदना चुनौती
प्रतापगढ़ जिले की कुंडा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर इस चुनाव में भी सभी की नजरें टिकी हैं.
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कमजोर विपक्ष और नए परिसीमन से सियासी समीकरणों पर कोई खास असर न पड़ने से समाजवादी पार्टी (सपा) समर्थित राजा भैया की राह इस बार भी आसान दिखाई दे रही है.
राजा भैया ने वर्ष 1993 में हुए विधानसभा चुनाव से कुंडा की राजनीति में कदम रखा था और तब से वह लगातार अजेय बने हुए हैं. उनसे पहले कुंडा सीट पर कांग्रेस के नियाज हसन का डंका बजता था. हसन 1962 से लेकर 1989 तक कुंडा से पांच बार विधायक चुने गए.
राजा भैया 1993 और 96 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित, तो 2002 और 2007 के चुनाव में सपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए. राजा भैया, भाजपा की कल्याण सिंह सरकार और सपा की मुलायम सिंह सरकार में भी मंत्री बने.
वह एक बार फिर सपा के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पांचवी जीत दर्ज करने की पुरजोर कोशिश में लगे हैं.
पिछले चुनाव में राजा भैया से करीब 50 हजार मतों से हारने वाले शिव प्रकाश मिश्र को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कुंडा से एक बार फिर मैदान में उतारा है. वहीं, भाजपा ने त्रिभुवन नाथ मिश्र और कांग्रेस ने रमाशंकर यादव को उम्मीदवार बनाया है.
नए परिसीमन का भी राजा भैया पर कोई खास असर पड़ता नहीं दिख रहा है. नए परिसीमन में कुंडा सीट के कुछ क्षेत्र कट गए हैं और नई सीट में पड़ोस की बाबागंज विधानसभा का कुछ हिस्सा शामिल हो गया है. बाबागंज विधानसभा क्षेत्र को राजा भैया के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है. क्योंकि पिछले तीन चुनावों से लगातार वहां राजा भैया समर्थित उम्मीदवार ही जीत दर्ज करता आ रहा है.
राजा भैया के समर्थकों का कहना है कि उनकी जीत का मंत्र यह है कि वह क्षेत्र का नियमित दौरा करते हैं. क्षेत्र के हर व्यक्ति से मिलते हैं और समस्या होने पर उसकी मदद करते हैं. इसी कारण से क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता है और लोग जात-पात से ऊपर उठकर उन्हें वोट देते हैं.
हालांकि, विपक्षी दलों के उम्मीदवारों का दावा है कि क्षेत्र की जनता राजा भैया की तानाशाही से ऊब चुकी है और वह इस बार बदलाव करने का निश्चय कर चुकी है.
बसपा उम्मीदवार शिव प्रकाश मिश्र कहते हैं, "इस चुनाव में कुंडा में राजतंत्र का खात्मा होकर लोकतंत्र स्थापित होगा. पिछले करीब 20 साल से भदरी रियासत के कुंवर रघुराज प्रताप जनता का शोषण कर रहे हैं. चुनाव जीतने पर मेरी प्राथमिकता लोगों को न्याय दिलाने के साथ-साथ क्षेत्र का विकास करना होगा, जो सालों से रुका पड़ा है."
भाजपा उम्मीदवार त्रिभुवन मिश्र कहते हैं, "भाजपा की जीत होने पर किसानों के हित में उचित कदम उठाने के साथ ही क्षेत्र में बिजली, सड़क और पानी की समस्या पर विशेष ध्यान दिया जाएगा."
कुंडा में कुल 3.14 लाख मतदाता हैं. जातिगत समीकरणों की बात करें तो सबसे ज्यादा 56,000 ब्राह्मण उसके बाद 62,000 यादव, 47,000 कुर्मी, 40,000 दलित, 35000 मुस्लिम, और 37,000 क्षत्रिय हैं.
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