समर्थक विधायकों के साथ मानेसर में रणनीति बनाते दिखे सचिन पायलट, जारी किया वीडियो
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को पहला वीडियो जारी किया, जिसमें कांग्रेस विधायक और उनके खेमे के अन्य विधायक हरियाणा के मानेसर स्थित एक रिसॉर्ट में रणनीति बना रहे हैं।
पायलट ने समर्थक MLA का जारी किया वीडियो |
विधायक एकसाथ बैठे और भविष्य पर चर्चा करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि दूसरी ओर ठीक इसी समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के विधायक मंगलवार सुबह 10 बजे प्रस्तावित कांग्रेस की बैठक के लिए फेयरमोंट होटल में अपनी रणनीति पर चर्चा कर रहे थे।
The MLAs were seen sitting together and discussing the future at the same time when MLAs from camp of Chief Minister #AshokGehlot were discussing their strategy in the #FairmontHotel for the #Congress meeting scheduled on Tuesday at 10 a.m.#SachinPilot #RajasthanPolitics pic.twitter.com/TdJ5bCENYH
— IANS Tweets (@ians_india) July 13, 2020
कांग्रेस नेताओं ने पायलट और विधायकों से एक भावुक अपील की है कि वे सभी मतभेदों को दरकिनार कर बैठक में हिस्सा लें। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार रात बताया कि मंगलवार सुबह 10 बजे कांग्रेस विधायक दल की एक और बैठक होगी।
हालांकि पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ अपने बागी रुख पर कायम हैं। वैसे कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पायलट को मनाने की कोशिशों के तहत उनके संपर्क में है।
इस बीच, पायलट खेमे द्वारा दावा की गई संख्या को लेकर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि वीडियो में उनके द्वारा कही गई विधायकों की संख्या नहीं दिख रही है।
गहलोत ने दावा किया है कि उनके पास आवश्यक संख्या मौजूद है और उनकी सरकार सुरक्षित है, वहीं दूसरी ओर पायलट ने दावा किया है कि लगभग 30 विधायकों ने उनके प्रति समर्थन जताया है, जिसमें कांग्रेस के और निर्दलीय शामिल हैं।
पायलट ने रविवार को एक संदेश भेजा था कि वह कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया था कि गहलोत सरकार अल्पमत में है।
आश्चर्य की बात यह कि पायलट के मीडिया मैनेजर ने पायलट के लिए उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता के पद का इस्तेमाल किया है और उसने राज्य कांग्रेस अध्यक्ष पद का इस्तेमाल नहीं किया, जो अपने आप में प्रश्न खड़े करता है।
कांग्रेस ने फिर बुलाई विधायक दल की बैठक
राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में उठे सियासी बवंडर के बीच पार्टी ने मंगलवार को फिर से विधायक दल की बैठक बुलाई है और जिसमें उसे उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के शामिल होने की उम्मीद है।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, गहलोत सरकार के प्रति अपना समर्थन जताने वाले 100 से अधिक विधायकों को जयपुर के फेयर मॉन्ट होटल में रखा गया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार रात बताया कि मंगलवार सुबह 10 बजे कांग्रेस विधायक दल की एक और बैठक होगी। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि बागी तेवर दिखा रहे पायलट एवं कुछ अन्य विधायक इस बैठक में भाग लेंगे।
उन्होंने कहा,एक बार फिर हम सचिन पायलट, सभी विधायक साथियों को लिखकर भी भेज रहे हैं... उनसे अनुरोध करते हैं कि आइए राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करें। राजस्थान को कैसे मजबूत करें, ये चर्चा करें। अगर किसी व्यक्ति विशेष से कोई मतभेद है तो खुले मन से वो भी कहिए, कांग्रेस नेतृत्व सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी सबकी बात सुनने और उसका हल निकालने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं।
उन्होंने कहा, हमने यह कहा था कि सचिन पायलट सहित सभी विधायकों के लिए सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के दरवाजे खुले हैं, वे खुले मन से आएं, अगर कोई मतभेद है तो उस पर चर्चा करेंगे, केंद्रीय नेतृत्व चर्चा कर हल निकालेगा।
इससे पहले, सोमवार सुबह हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पारित एक प्रस्ताव में पायलट की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा गया है कि अगर कोई पार्टी पदाधिकारी या विधायक इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
विधायक दल की बैठक आरंभ होने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने सुलह की गुंजाइश होने का स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि पायलट और दूसरे विधायक बैठक में आ सकते हैं। हालांकि पायलट और उनके कुछ समर्थक विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के कई अन्य नेता पायलट के संपर्क में हैं। इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है कि सोमवार को हुई विधायक दल की बैठक में कुल कितने विधायक उपस्थित थे, हालांकि कई पार्टी नेताओं का कहना है कि 106 विधायक वहां मौजूद थे।
पायलट के करीबी सूत्रों ने गहलोत सरकार के पास बहुमत होने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि बहुमत मुख्यमंत्री आवास पर नहीं, विधानसभा में साबित होता है। पायलट ने रविवार शाम दावा किया था कि उनके साथ 30 से अधिक विधायक हैं और अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है।
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