आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, जमानत अर्जी खारिज, लगाया जुर्माना

Last Updated 30 Jan 2017 12:42:50 PM IST

नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद स्वयंभू संत आसाराम को जोरदार झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका एक बार फिर खारिज कर दी. साथ ही झूठी मेडिकल रिपोर्ट जमा कराने के कारण उन पर एक लाख रुपए का जुर्माना और प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश भी दिया.


आसाराम की जमानत याचिका खारिज की (फाइल फोटो)

आसाराम ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी. इसके लिए उन्होंने एक मेडिकल रिपोर्ट भी दी थी जिसे न्यायालय ने फर्जी करार दिया.

अदालत ने उन्हें यह कहते हुए चिकित्सकीय आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया कि उनकी हालत इतनी भी खराब नहीं है कि उनका जोधपुर में इलाज न किया जा सके.

आसाराम पर कथित तौर पर अपने ही आश्रम की एक नाबालिग से यौन दुष्कर्म का आरोप लगा है और वह इस मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं.

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर और न्यायमूर्ति एन वी रमन ने एम्स के मेडिकल बोर्ड की एक रिपोर्ट के आधार पर आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के आठ वरिष्ठ डॉक्टरों के बोर्ड ने कहा कि उनकी प्रोस्टेट की बीमारी का निदान पूरा नहीं हो पाया है क्योंकि उन्होंने इसके लिए जरूरी टेस्ट कराने से इनकार कर दिया.

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 28 अक्तूबर को बलात्कार के मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे आसाराम की याचिका पर राजस्थान सरकार से जवाब मांगा था. आसाराम इस याचिका में उन्हें जोधपुर में एम्स में इलाज कराने के अदालत के निर्देश में संशोधन चाहते थे.
      
गुजरात सरकार ने भी शीर्ष अदालत से कहा था कि आसाराम के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले की सुनवाई तेजी से होने की उम्मीद है. राज्य सरकार ने यह भी कहा था कि इस मामले की सुनवाई छह महीने में पूरी हो जायेगी, इसलिए उन्हें इस प्रकरण में जमानत नहीं दी जानी चाहिए.
      
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 18 नवंबर को आसाराम बलात्कार प्रकरण में काले जादू के माध्यम से कथित रूप से बच्चों की हत्या और दस गवाहों पर हमले के मामलों की सीबीआई से जांच के लिये दायर याचिका पर केन्द्र और पांच राज्यों से जवाब मांगा था.
      
आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को गिरफ्तार किया था और तभी से वह जेल में हैं.
       
सूरत की रहने वाली दो बहनों ने अलग अलग शिकायतों में आसाराम और उनके बेटे नारायण साई पर उनका बलात्कार करने और गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाने सहित अनेक आरोप लगाये थे.
      
बडी बहन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि जब वह अहमदाबाद के निकट आसाराम के आश्रम में रह रही थी तो 2001 से 2006 के दौरान उन्होंने उसका बार बार यौन उत्पीडन किया था.
      
एक किशोरवय लड़की ने आसाराम पर जोधपुर के निकट मनाई गांव में स्थित आश्रम में उसका यौन उत्पीडन करने का आरोप लगाया था. यह लडकी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली छात्र है जो आश्रम में रहती थी.

आईएएनएस/वार्ता/भाषा


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