कोई कुछ भी कहे, राजस्थान विकास के रास्ते पर आगे बढ़ता रहेगा : मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे

Last Updated 06 Jan 2017 02:38:30 PM IST

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राजस्थान विकास की बुलंदियां छू रहा है और यह बात कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रही है, इसलिए वे प्रदेश में लोगों को लड़ाकर माहौल खराब कर रहे हैं.


मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे (फाइल फोटो)

उन्होंने कहा कि लेकिन प्रदेश की जनता उनके इन इरादों को कभी पूरा नहीं होने देगी. क्योंकि अब प्रदेशवासी जान गये हैं कि जहां अशांति है, वहां विकास संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि लोग चाहे जो कहते रहें, कड़ी चुनौतियों के बावजूद प्रदेश विकास के रास्ते पर आगे बढ़ता रहेगा.
   
राजे गुरूवार को भरतपुर के लोहागढ़ स्टेडियम में विकास परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को सम्बोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि विकास के लिए तीन वर्ष की अवधि कम होती है, लेकिन हमने प्रदेशवासियों की कसौटी पर खरा उतरने का प्रयास किया है और विकसित प्रदेशों की श्रेणी में आ खड़े हुए हैं.
   
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 23 हजार माइक्रो एटीएम, 40 हजार ई मित्र केन्द्रों आदि के माध्यम से नकदी रहित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. 70 विभागों की 270 से अधिक सेवाएं डिजिटल हो गई हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री ने अजमेर जिले को नकदी रहित लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए देश के प्रथम पांच जिलों में शामिल होने पर सम्मानित किया है.
   
उन्होंने कहा कि गुड़गांव नहर और भरतपुर फीडर का सुदृढ़ीकरण कार्य वर्षो से लम्बित है, जिसके चलते इस क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था प्रभावित हुई है. उन्होंने सवाल किया कि पिछली सरकारों ने 60 वर्षो से प्रदेश के किसानों के हित में यह कार्य क्यों नहीं किया. उन्होंने गुड़गांव नहर के सिंचाई तंत्र सुदृढ़ीकरण के लिए 71 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की. भरतपुर फीडर नहर के सिंचाई तंत्र के लिए 45 करोड़ रुपये की योजना अलग से बनाई जायेगी.
   
राजे ने खेड़ली से पहाड़ी राजमार्ग के लिए 106 करोड़ रुपये, गोवर्धन तक जाने वाली सड़क के लिए 36 करोड़ रुपये तथा ब्रज चौरासी परिक्र मा मार्ग में सड़क के लिए 200 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की. उन्होंने कहा कि राज्य बजट में परिक्र मा मार्ग के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि घोषित की गई थी.
   
मुख्यमंत्री ने कहा कि झिरका फिरोजपुर से करौली मंडरायल तक नये राष्ट्रीय राजमार्ग की डीपीआर तैयार करवाई जा रही है और शीघ ही इस पर काम शुरू करवा दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि कामां के मंदिरों सहित जिले के प्रमुख मंदिरों का जीर्णोद्घार का कार्य भी शीघ्र शुरू किया जायेगा. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुजानगंगा का पुनरूद्घार कार्य बहुत समय से लम्बित है, क्योंकि यह स्थान अभी भारतीय पुरातत्व सव्रेक्षण विभाग के अधीन है. हम केन्द्र सरकार से बात कर उसे राज्य सरकार को हस्तांतरित करवाने का प्रयास कर रहे हैं. उसके बाद सुजानगंगा का भी सूरसागर की तर्ज पर कायाकल्प किया जायेगा.


   
उन्होंने कहा कि 21 जनवरी से शुरू होने वाले शहरी जनकल्याण शिविरों के माध्यम से भूखण्डों एवं मकानों का नियमन एवं पट्टे जारी करने का कार्य किया जायेगा. इस दौरान मौके पर ही समस्याओं का समाधान करने के लिए नगर निकायों की शक्तियां समिति को दी जायेंगी.
   
राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के पहले चरण की सफलता के बाद अब दूसरा चरण भी शुरू कर दिया गया है. अभियान के तहत बनाए गए टैंकों के कारण जिले में कई जगहों पर कुओं का जल स्तर बढ़ा है. उन्होंने कहा कि इस बार शहरी क्षेत्रों को भी इस अभियान में शामिल किया गया है. भरतपुर जिले में दूसरे चरण के दौरान 165 गांवों में 1868 कार्य तथा भरतपुर एवं डीग शहरों में पुरानी बावड़ियों के विकास के 17 कार्य करवाए जाएंगे.
   
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने तीन वर्ष में प्रदेश के 11 लाख 75 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं, जिनमें से एक लाख से अधिक सरकारी नौकरियां हैं. दूसरी तरफ पूर्ववर्ती सरकार ने पूरे पांच वर्ष में छह लाख 90 हजार रोजगार ही उपलब्ध करवाए. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने तीन वर्षो में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर सात हजार 209 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि पूर्ववर्ती सरकार पांच वर्षो में छह हजार 546 करोड़ रुपये ही खर्च कर सकी.
   
उन्होंने कहा कि किसानों को तीन साल में 45 हजार 691 करोड़ रुपये का रिण दिया गया है, जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने पूरे पांच वर्षो में केवल 43 हजार करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए थे. पशुपालन के क्षेत्र में हमने तीन वर्ष में ही 295 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि गत सरकार पांच वर्ष में 323 करोड़ रुपये खर्च कर सकी.
  
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जो व्यापक सुधार किए गए, उनका नतीजा है कि आज सरकारी स्कूलों में 13 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन बढ़ गया है. बच्चों का 10वीं कक्षा में पास प्रतिशत 58 से बढ़कर 72 फीसदी हो गया है.
 

 

भाषा


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