अलवर को-ऑपरेटिव बैंक में करोड़ों के घोटाले का मामला, मरे लोगों के खाते खुलवा जमा कराए एक करोड़
अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में 16 करोड़ के गबन में नया खुलासा हुआ है. घोटाले के मास्टरमाइंड ने बोर्ड चेयरमेन बनाने के लिए 750 बोगस मेंबर बना दिए.
फाइल फोटो |
अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में 16 करोड़ के गबन में नया खुलासा हुआ है. घोटाले के मास्टरमाइंड अभिषेक जोशी व बैंक के सीईओ महेश मुल ने बोर्ड चेयरमेन बनाने के लिए 750 बोगस मेंबर बना दिए जबकि ये सदस्य बैंक के खाताधारक ही नहीं थे. गबन के लिए और खुद का बोर्ड बनाने के लिए आरोपियों ने 10 हजार लोगों को मेंबर बना रखा है. बाद में बोगस मेंबरों की वोटिंग से भाई को ही बोर्ड चेयरमैन बना लिया.
हैरानी की बात यह है कि आरोपी अभिषेक ने जिस दिन बैंक को पूर्व चेयरमैन ओमप्रकाश सैनी से खरीदा था उसी दिन छह डायरेक्टरों ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद अभिषेक व महेश ने मिलकर जो बैंक के मेंबर ही नहीं थे, उनको बोर्ड डायरेक्टर बना दिया. जांच में सामने आया बैंक की जमा राशि क्षमता 25 लाख है.
ग्राहकों की जमा राशि बैंक के अधिकारियों ने दूसरे बैंक में जमा करा रखी थी. 500 व 1000 के नोट बंद होने के बाद आरोपियों ने बैंकों से 95 लाख निकलवा कर बैंकों में पुरानी करेंसी जमा करा दी.
एसओजी आरोपी अभिषेक, महेश मुल, आशीष गुप्ता, मृदुल जोशी, अशोक, ओमप्रकाश सैनी से पूछताछ कर रही है. आरोपी अभिषेक जोशी ने सीईओ महेश व ओमप्रकाश के साथ मिलकर बैंक के 40 से ज्यादा डिफाल्टरों के खाते में आरबीआई के मापदंडों को पूरा करने के लिए और डूबते ऋण को सुधारने के लिए एक करोड़ रुपए से जयादा जमा करवा दिए.
मजेदार बात तो यह है कि इनमें 12 मेंबर ऐसे थे, जिनकी मौत हो चुकी है. उनके खातों में भी डिफाल्टर राशि जमा करवाने के बाद बंद कर दिया. आरोपियों ने इन खातों में केवल बैंक द्वारा लोन के रूप में दी गई राशि जमा करवाई है. जबकि ब्याज अभी भी बकाया चल रहा है.
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