जयपुर: लालगढ़ हवाई पट्टी पर बनेगा एविएशन बेस, सेना हेलिकाॅप्टर्स से करेगी अभ्यास

Last Updated 17 Oct 2016 11:50:59 AM IST

सेना गंगानगर के लालगढ़ की हवाई पट्टी को अपने कब्जे में लेकर वहां फॉर्वड कंपोजिट एविएशन बेस यानी एफसीएबी बनाने जा रही है.


लालगढ़ हवाई पट्टी पर बनेगा एविएशन बेस (फाइल फोटो)

पहले पठानकोट और अब उड़ी हमले के बाद सेना ने श्रीगंगानगर की सुरक्षा के लिए बड़ा फैसला लिया है. सेना गंगानगर के लालगढ़ की हवाई पट्टी को अपने कब्जे में लेकर वहां फॉर्वड कंपोजिट एविएशन बेस यानी एफसीएबी बनाने जा रही है. सेना ने इसका प्रस्ताव सीएमओ में भेजा है. हरी झंडी मिलते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा. इस एविएशन बेस का फायदा यह होगा कि सेना अपने हेलीकॉप्टर और यूएवी जैसे विमानों को यहीं से ऑपरेट करेगी. साथ ही इसका इस्तेमाल सेना द्वारा शांति और युद्ध दोनों ही समय में होगा.

सेना ने सीएमओ को भेजे प्रस्तावों में कहा है कि सेना आने वाले दिनों में देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई हेलीकॉप्टर और तकनीकी सुरक्षा उपकरणों को खरीदने जा रही है. सेना ने श्रीगंगानगर के आसपास लालगढ़ हवाई पट्टी को चिन्हित करके उसे सुरक्षा की दृष्टि से हब बनाने का निर्णय लिया है.

लालगढ़ में हवाई पट्टी को चिन्हित करने का फायदा यह होगा कि यह छावनी के एकदम नजदीक है. यहीं से सेना अपने हेलिकॉप्टर यूएवी अभ्यास के तौर पर उड़ाएगी. सेना ने लालगढ़ हवाई पट्टी के नजदीक 24 एकड़ जमीन और मांगी है ताकि वहां हवाई सुविधाओं के लिहाज से और निर्माण हो सके.

इसके अलावा सेना ने वहां 1500 मीटर लंबा रनवे बनाने का आग्रह किया है. इसके अलावा एटीसी टावर और टैक्सी ट्रैक व सुरक्षा के लिहाज से चारदीवारी तथा सिक्योरिटी गार्ड्स के लिए चौकी बनवाने को कहा है. अभी वहां 1300 मीटर लंबा रनवे है, जिसे पीडब्ल्यूडी 1600 मीटर करवाने जा रही है. इसी तरह वहां चारदीवारी का काम भी होने वाला है.

सेना अभी हेलिकॉप्टर यूएवी को सूरतगढ़ बठिंडा हवाई पट्टी से ऑपरेट करती है. दोनों ही हवाई पट्टी छावनी से 70 से 120 किलोमीटर दूर हैं. इससे अभ्यास में कई परेशानी आती हैं. अब लालगढ़ हवाई पट्टी से सेना दुश्मन पर कम समय में हमला कर सकेगी. इससे दुश्मन को नुकसान तो ज्यादा होगा ही, हमारा भी जान-माल का नुकसान कम होगा.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने दो साल पहले भी लालगढ़ हवाई पट्टी का विस्तार कराया था. तब भी वीआईपी विश्राम गृह बनवाया गया था. लेकिन वहां सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था नहीं होने के कारण विश्राम गृह की टयलेट सीटें तक लोग उखाड़कर ले गए. पाइपलाइन टूट चुकी है. अभी हवाई पट्टी राजस्थान सरकार के अधीन है.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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