राजस्थान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने बच्चों में कुपोषण पर जताई चिंता
राजस्थान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक नवीन जैन ने बच्चों में कुपोषण पर चिंता जताई तथा प्रदेश में शिशु मृत्युदर को कम करने के लिए अन्य उपायों के साथ ही इस समस्या को दूर करने पर विशेष बल दिया.
राजस्थान में बच्चों में कुपोषण चिंता का विषय (फाइल फोटो) |
राजस्थान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक नवीन जैन ने बच्चों में कुपोषण पर चिंता जताई तथा प्रदेश में शिशु मृत्युदर को कम करने के लिए अन्य उपायों के साथ ही इस समस्या को दूर करने पर विशेष बल दिया.
जैन ने बुधवार को एक बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में उच्च प्राथमिकता वाले 13 जिलों के चयनित 41 ब्लॉक में संचालित किये गये समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्र म (सीमेम) के बेहतरीन परिणामों को ध्यान में रखते हुए इसे अन्य ब्लॉक्स में भी लागू करने की प्रकिया शुरू की जा रही हैं.
जैन ने बताया कि आरएसओसी सव्रे के मुताबिक राजस्थान में 5 वर्ष तक की उम्र के 73 लाख दो हजार 170 बच्चों में से 6 से 59 माह की उम्र के बच्चों में 2.9 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं जबकि 22 हजार बच्चे घातक कुपोषण की स्थिति वाले हैं.
उन्होंने बताया कि 9 हजार 117 बच्चों को कुपोषण से पूर्णत: मुक्त कराया जा चुका है.
जैन ने बताया कि पोषण परियोजना के तहत प्रदेश के 10 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों एवं 3 जनजातीय जिलों के 61 ब्लॉक्स के 584 उपस्वास्थ्य केन्द्रों के एक हजार 574 गांवों में 5 वर्ष तक की आयु के 2 लाख 34 हजार 404 बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गयी.
इस जांच में निर्धारित सामान्य मापदंड के अनुसार नहीं पाये जाने वाले अतिकुपोषित 606 बच्चों को तत्काल कुपोषण उपचार केन्द्र पर रैफर कर उनका उपचार कराया गया.
शेष अति कुपोषित 9 हजार 640 बच्चों को पोषण परियोजना के तहत 2 माह तक स्वास्थ्यकर्मिकों की निगरानी में पोषण अमृत आहार खिलाया गया एवं नियमित अंतराल पर स्वास्थ्य जांच की गयी. चार माह के फॉलोअप के बाद 9 हजार 117 बच्चों को कुपोषण मुक्त घोषित किया गया.
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