सीकर दामिनी प्रकरण : गैंगरेप के दो आरोपितों को आजीवन कारावास
सीकर जिले के बहुचर्चित दामिनी प्रकरण में मंगलवार को जिला एवं सेशन कोर्ट के न्यायाधीश ने गैंगरेप के आरोपितों को आजीवन कारावास व 25-25 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई.
गैंगरेप के दो आरोपितों को उम्रकैद (फाइल फोटो) |
जिले के बहुचर्चित दामिनी प्रकरण में मंगलवार को जिला एवं सेशन कोर्ट के न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी ने गैंगरेप के आरोपित भैरूपुरा निवासी सुरेशकुमार जाट व सबलपुरा निवासी रमेशकुमार शर्मा को आजीवन कारावास व 25-25 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई.
जिले के बहुचर्चित दामिनी दुष्कर्म प्रकरण में मंगलवार को जिला एव सेशन नयायाधीश अभय चतुरवेदी ने 2 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही 25 25 हजार रूपये का जुर्माना करते हुए जुर्माने की राशि पीडिता को देने के आदेश दिए है
फैंसला सुनने के लिए स्वंय दामिनी और उसकी मां और बहन अदालत परिसर मे मौजुद थी. फैंसले से नाराज दामिनी के परिजनो ने पुर्नवास की कोई व्यवस्था नही करने पर कोर्ट परिसार मे हगांमा खडा कर दिया. पुलिस ने समझाबुझा कर मामले को शांत किया.
सनद रहे कि 20 अगस्त 2012 को मासूम बालिका अपने दो बहनों के साथ ईद के दिन फिल्म देखकर घर लौट रही थी कि दो दरिंदे उसे जीप में उठाकर ले गए और बंजर सुनसान और पहाड़ी ओर जगली इलाकों में ले जाकर पुरी रात मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म कर सड़क किनारे खाई में फेंक कर चले गए.
मासूम बालिका को बेहोशी हालत में बकरी चराने वाले ने देखा और उसने जिला पुलिस कंट्रोल रूम में सूचित किया. मासूम बालिका का पहले शेखावटी के सबसे बड़े कल्याण चिकित्सालय में इलाज चला इसके बाद स्थिति खराब होने पर दुष्कर्म से शिकार हुई मासूम बालिका को जेके लोन अस्पताल जयपुर में भर्ती कराया गया जहां उसकी तबीयत खराब होने पर उसे दिल्ली एम्स भेजा गया.
इस मासूम बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ जिसके चलते उनके आंतरिक अंगों में गहरा घाव हुआ और इस मासूम बालिका के करीब 20 ऑपरेशन होने के बाद यह स्वस्थ हुई. करीब 6 वर्ष की बालिका दो साल तक् जिंदगी और मौत से लड़ती रही है. और आज दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और इसके बाद लोक अभियोजक शिवरतन शर्मा ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में बालिका का दो वर्ष तक इलाज चला .
और उस इलाज के चलते इस मासूम बालिका से पहचान परेड करीब 19 माह बाद सीकर जेल में कराई गई जिसमें एक बार तो मासूम बालिका ने एक दुष्कर्मियों को पहचानने से इंकार कर दिया लेकिन इसके बाद कोर्ट में जब इन दुष्कर्मियों को पहचान कराई गई तो बालिका ने पहचान लिया इस पूरे प्रकरण में 33 गवाह पेश किए गए. जिनमें आठ गवाह को छोड़ कर बाकी उपस्थित नही हुए.
इस पूरे मामले में डॉक्टर मनीष शर्मा और पुलिस अधिकारियों की गवाई ने अहम भूमिका निभाई और इस केस को इस अंजाम तक पहुंचाया. इस पूरे प्रकरण को लेकर मंगलवार को पूरे सीकर जिले की जनता की फैसले पर नजर थी.
न्यायलय में सुबह से ही काफी भीड़ देखी गई, इस फैसले के बाद जनता ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है. इस पूरे मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें चार आरोपियों पर धारा 212 दुष्कर्मियों को शरण देने के आरोप लगे थे जिनको माननीय न्यायालय ने बरी कर दिया,
शेष बचे रमेश शर्मा निवासी सबलपुरा सुरेश जाट निवासी भैरू पुरा को आजीवन कारावास सुनाई है इस दुष्कर्म कांड के बाद जिले में जनता ने अपना विरोध दर्ज कराया था. मंगलवार को इस दामिनी प्रकरण कांड की सुनवाई हुई और दुष्कर्मी अपनी सजा के अंजाम तक पहुंचे
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