जोधपुर शहर में खनन कार्य फिर से शुरू करने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन
पर्यावरणीय स्वीकृति के अभाव में बंद हुई जोधपुर की सैकड़ों पत्थर खदानों के मालिकों व श्रमिकों ने शहर में रैली निकाल कलेक्ट्रेट के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया.
फाइल फोटो |
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि केन्द्र व राज्य सरकार की उदासीनता के कारण हजारों लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है
जोधपुर शहर व जिले के बालेसर क्षेत्र में पत्थर खनन की हजारों खानों में पर्यावरणीय स्वीकृति के अभाव में एनजीटी ने खनन कार्य पर रोक लगा दी. खान मालिकों का कहना है कि पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए उन्होंने गत वर्ष ही राज्य सरकार के समक्ष आवेदन कर दिया, लेकिन राज्य सरकार की ओर से इसे जारी ही नहीं किया गया.
इसके अभाव में अब एनजीटी ने खनन कार्य पर पूर्ण रोक लगा दी. खनन पर रोक लगने के बाद से हजारों लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में बंद पड़े खनन कार्य को प्राथमिकता के साथ फिर से शुरू करने की मांग की गई. इसके अलावा मुख्यमंत्री से भी मांग की गई कि खनन कार्य के लिए आवंटित खान की आयु सीमा नब्बे वर्ष से घटाकर तीस वर्ष नहीं की जाए.
सैकड़ों लोगों ने जमकर कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
बड़ी संख्या में लोगों के रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचने के दौरान शहर की यातायात व्यवस्था गड़बड़ा गई. इस कारण लोगों भीषण गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ा.
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