एक वर्ष की ऊम्र में लगी तम्बाकू सूंघने की आदत
एक मासूम जिसे तम्बाकू सूंघने की ऐसी लत लग गई कि परिजन दिन में उसे कई बार सुंघनी सुंघाते हैं तभी वह आंखे खोल पाती है.
फाइल फोटो |
एक ऐसा मजाक जिसने मासुम को ऐसी आफत में डाल दिया है जो कभी सोचा भी नहीं जा सकता. प्रिया जब एक साल की थी तो उसकी नानी उसे मजाक-मजाक में सुंघनी सुंघाती थी. और अब यह हालत हो गई है कि प्रिया को तम्बाकू सूंघने की लत लग गई है. परिजन दिन में उसे कई बार सुंघनी (तंबाकु मिश्रित नासका) सुंघाते हैं तभी वह आंखे खोल पाती है.
इसका विपरित प्रभाव उसके स्वास्थ्य पर पड़ा और बच्ची का लीवर सूज गया है. धवला निवासी आशा देवी की बेटी प्रिया को जब ईलाज के लिए जालोर के सामान्य चिकित्सालय में लाया गया तो चिकित्सक भी देखकर हैरान में पड़ गए.
दरअसल आशा का दस माह का बेटा सोहन अतिकुपोषित होने से एमटीसी वार्ड में भर्ती है. महिला अपने साथ चार साल की बेटी प्रिया को भी साथ दिखाने के लिए लेकर आई थी. चिकित्सक ने प्रिया का पेट फुला हुआ होने पर महिला से हिस्ट्री जानी तो चोंकाने वाली बात सामने आई कि बच्ची का लीवर सूजा हुआ है, बच्ची को शिशु वार्ड में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है.
बालिका अपने इस लत के कारण अपने हाथ में सुंघनी की डिबिया भी रखती थी. आशा देवी ने कहा की जब तक यह सुंघनी नही सुंघती है तब तक उसकी आंखे भी बराबर नहीं खुलती. सुंघनी नहीं मिलने पर वो बेहोश हो जाती है. और रोने लगती है. खाना खाने के बाद व दिन में कई बार सुंघनी को सुंघना पडता है. जब उसे सुंघनी नहीं मिलती है तो खाना भी नहीं खाती और रोने लगती है.
मजाक ऐसे आफत बनी कि प्रिया एक साल की थी तो उसकी नानी उसे मजाक मजाक में सुंघनी सुंघाती थी. जब उसके घर होती थी तो बच्ची की चाची भी अक्सर सुंघनी सुंघाने की मजाक कर लेती थी. यह मजाक अब मासुम के लिए बाद में लत बन गई.
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