असहिष्णुता के नाम पर बौद्धिक आतंकवाद : आरएसएस

Last Updated 27 Nov 2015 10:44:01 AM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे. नंदकुमार ने कहा कि असहिष्णुता के नाम पर देश में बौद्धिक आतंकवाद फैलाया जा रहा है.


असहिष्णुता के नाम पर बौद्धिक आतंकवाद : आरएसएस (फाइल फोटो)

नंद कुमार ने राजस्थान के जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि असहिष्णुता का डर दिखाकर लोगों को आक्रामक विरोध जताने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. देश आगे बढ रहा है और इसके विकास को अवरुद्घ करने के लिए यह सब साजिश की जा रही है.

उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता से शुरु हुई बहस असहिष्णुता पर आ गई है.
 
उन्होंने असहिष्णुता मामले में प्रधानमंत्री की ओर से सफाई नहीं दिए जाने के सवाल पर कहा कि जरुरी नहीं कि हर बात का स्पष्टीकरण प्रधानमंत्री ही दे. यह कुछ लोगों की साजिश है जो उकसा कर साध्वी प्राची और साक्षी महाराज के बयान का इंतजार कर रहें हैं.

उन्होंने पुरस्कार वापस करने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे ऐसा कर देश की जनता का अपमान कर रहे हैं. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि नयनतारा सहगल ने सिख दंगो के अट्ठारह माह बाद अवार्ड लिया था उस समय कोई विरोध दर्ज नहीं करवाया, लेकिन अब वह अट्ठारह वर्ष बाद अवार्ड वापस कर रहीं हैं.
 
अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता पर उनका कहना था कि सबको अपने विचार प्रकट करने का अधिकार है किन्तु कानून को हाथ में लेने का नहीं. कुमार ने दादरी जैसी घटनाएं रोकने का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे देश में ऐसा माहौल नहीं है.
 
पाकिस्तानी साहित्यकार और पत्रकार व कनाडा के नागरिक तारिक फतह ने भी एक बयान दिया है कि अगर विश्व में मुसलमानों के रहने के लिए सबसे बेहतर माहौल है तो वह सिर्फ भारत में है.

आमिर खान के बयान के संदर्भ में संघ पदाधिकारी ने कहा कि भारत में उनकी पत्नी असुरक्षित महसूस करती है पर क्या वह पीके जैसी फिल्म पाकिस्तान में बना सकते थे. जब देश उनकी फिल्म को सहन कर सकता है तो वे देश में असुरक्षित कैसे हुए.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment