राजस्थान में कृषि उत्पादन को प्रोत्साहित करेंगी नयी नीतियां, विदेशी फसलें और शोध: राज्य सरकार
राजस्थान सरकार का कहना है कि गत एक वर्ष में उसकी कृषि नीति में परिवर्तन एवं अन्य प्रयासों से राज्य कृषि क्षेत्र निवेशकों के लिए अधिक आकषर्क हो गया हैं.
फाइल फोटो |
आने वाले समय में प्रदेश में कृषि को प्रोत्साहन मिलेगा और उत्पादकता बढेगी.
राज्य सरकार ने कृषि प्रसंस्करण उद्योग और कृषि विपणन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से इसी साल एक नई जारी की है. इसमें निवेश के संबंध में विविध वित्तीय पहलों के साथ साथ किसानों को अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रावधान है ताकि उनके उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मक कीमत मिल सकें.
राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि राजस्थान निवेश संवर्धन योजना (आरआईपीएस),2014 में पर्यटन, कपड़ा, ऊर्जा एवं सहित राजस्थान एग्रो प्रोसेसिंग और एग्री मार्केटिंग नीतियों को प्रोत्साहन के प्रमुख क्षेत्रों में शामिल किया गया हैं. इससे आरआईपीएस-14 में मिल रहे सामान्य प्रावधानों से अधिक प्रोत्साहन इस क्षेत्र को मिल सकें.
सूत्रों ने कहा कि एग्रो प्रोसेसिंग क्षेत्र में 25 लाख रूपए तक का निवेश करने पर तीस प्रतिशत कैपिटल अनुदान दिया जायेगा। यदि निवेश राशि 25 लाख रूपए से अधिक है यह अनुदान 60 प्रतिशत होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थापित 15,700 मेगावाट से अधिक विद्युत क्षमता में से एक चौथाई ऊर्जा नवीकरणीय स्त्रोतों से प्राप्त होती हैं।
राजस्थान में तिलहन और चारे की फसलों का उत्पादन महत्वपूर्ण हैं.
राजस्थान सरकार के सूत्रों ने बताया कि राज्य में हाल ही में शुरू की गयी बाहरी फसलों की तरफ भी लोगों का झुकाव बढा है. राजस्थान सरकार द्वारा शोध में निवेश तथा अंतर्राष्ट्रीय गठबन्धन (इजराइल)के परिणामस्वरूप राज्य में मेंडारिन, किन्नू, प्याज, सोयाबीन और बासमती चावल जैसी बाहरी फसलों और फल-सब्जियों की खेती व बागवानी का विकास हो रहा है.
उन्होंने बताया कि राज्य में कृषि क्षेत्र में सेंटर्स आंफ एक्सीलेंसै यी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किये जाएंगे. इन केनद्रों पर पहले से ही 17.84 करोड रूपए निवेश किये जा चुके हैं, इसके अलावा इन क्षेत्रों पर अतिरिक्त 50 करोड रूपये और खर्च किये जा रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार राजस्थान में उचित मूल्य पर पर्याप्त भूमि उपलब्ध हैं. नए उद्यमों की स्थापना के लिए राजस्थान इंडस्ट्रियल डेवलपमेंड एंड इन्वेस्टमेंट कांरपोरेशन लि (रीको) द्वारा अव्वल दज्रे की आधारभूत सुविधाऐं एवं अन्य सहयोग उपलब्ध हैं. रीको द्वारा राज्य में लगभग 74.228 एकड भूमि में 327 औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया गया हैं.
Tweet |