राजस्थान में मावे पर लगी रोक के तुगलकी फरमान को वसुंधरा राजे सरकार ने हटाया
राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने राज्य में मावे पर पर लगी रोक को 24 घंटे के अंदर ही दबाव के चलते हटा दिया.
राजे सरकार ने मावे पर लगी रोक हटाई |
राजे सरकार ने फेस्टिव सीजन से ठीक पहले एक आदेश जारी कर मावा निर्मित मिठाइयों पर रोक लगा दी थी, लेकिन सरकार को अपना यह आदेश 24 घंटे से भी कम समय में वापस लेना पड़ा.
दरअसल, बाजार में मिलावटी मावे की आवक पर लगाम लगाने में नाकाम रहने वाले सरकार के खाद्य सुरक्षा विभाग ने इसका अजीब तोड़ निकाला था. वो था तुगलकी फरमान जारी कर विभाग ने अग्रिम आदेश तक मावे निर्मित सभी मिठाइयां बनाने और बेचने पर बुधवार को पाबंदी लगा दी थी.
कोर्ट के दबाव में लगायी रोक
दरअसल, बाजार में पिछले काफी समय से नकली मावा धड़ल्ले से बिक रहा है. इस पर हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों से पूछा की उन्होंने नकली मावे के खिलाफ क्या मुहिम चलाई है. नकली मावा बाजार में धड़ल्ले से क्यूं बिक रहा है.
कोर्ट ने मीणा से पूछा जनता की सेहत पर मिलावट का बुरा असर रोकने को क्या कर सकते हैं. मीणा ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 30 के तहत शक्तियां बताई. कहा इस धारा के तहत शहर के चार नामी प्रतिष्ठान से जांच के नमूने लिए हैं.
नमूनों की रिपोर्ट आने में 15 दिन लगेंगे. इसी कानून के तहत प्रदेश में मावा व मावे से निर्मित पदार्थो के निर्माण व विक्रय रोकने के आदेश जारी कर दिए.
हाईकोर्ट में सवालों से विभागीय अधिकारी घबरा गए और जवाब पेश करते हुए कहा की अग्रिम आदेश तक मावे निर्मित मिठाइंयों पर रोक लगाई जाएगी. इस मामले में अगली सुनवाई 17 नवम्बर को होगी.
खाद्य सुरक्षा विभाग ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए यह फरमान जारी किया है. दरअसल, पिछले काफी समय से पूरे प्रदेश में नकली मावा रोक के बावजूद धड़ल्ले से बिक रहा है. विभाग की सतर्कता टीमें इस गोरखधंधे पर रोक लगाने में नाकामयाब रही है. अपनी नाकामी का छिपाने के लिए विभाग ने मावे की मिठाइंयों पर ही रोक लगा दी.
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