कम बारिश से राजस्थान में सूखे के हालात
Last Updated 06 Oct 2015 11:41:26 AM IST
राजस्थान में औसत से कम बारिश के कारण प्रदेश के 33 में से 15 जिलों में सूखे के हालात पैदा हो गए हैं.
कम बारिश से राजस्थान में सूखे के हालात (फाइल फोटो) |
राज्य सरकार ने सूखे से प्रभावित किसानों को हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया है वहीं दूसरी और कांग्रेस ने सरकार पर सूखे के हालात की अनदेखी का आरोप लगाया है .
राजस्थान के आपदा मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कम बारिश होने पर चिन्ता जताते हुए कहा कि सरकार प्रभावित किसानों को हरसंभव सहायता देगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले भी आपदा नियमों में संशोधन करवाकर भरपूर मदद दी थी और आगे भी हरसंभव सहायता देगी .
उन्होंने कहा कि सरकार को आगामी 15 अक्तूबर तक गिरदावरी रिपोर्ट और खराबे की रिपोर्ट मिल जायेगी जिसके बाद समय गंवाए बिना प्रभावित किसानों को हरसंभव मदद दी जाएगी.
दूसरी ओर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने पिछले दिनों बूंदी में किसानों को सम्बोधित करते हुए सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को अभी तक या तो मुआवजा दिया ही नहीं या मुआवजा नुकसान से काफी कम दिया है.
मौसम विभाग के अनुसार गत 29 सितम्बर तक राजस्थान में 418.01 मिमी बारिश हुई है जो कि औसत वर्षा 457 मिमी से 39 मिमी कम है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के 15 जिलों में औसत से कम बारिश हुई है और आठ जिलों में सामान्य वर्षा हुई है .
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले बारिश कम हुई है. कृषि विभाग के मुख्य सांख्यिकी अधिकारी एल एन बैरवा के अनुसार, प्रदेश में खरीफ की फसल के लिए 6313 हैक्टयर क्षेत्र में बिजायी का लक्ष्य था लेकिन करीब 548 हैक्टयेर क्षेत्र में कम बिजायी की गई .
उन्होंने बताया कि दाल की पैदावार के लिए 8,823 हैक्टयेर क्षेत्र के लक्ष्य के मुकाबले 8,323 हैक्टयर क्षेत्र में बीज डाले गये .
बैरवा के अनुसार बारिश कम होने के कारण करीब 1,000 हैक्टयेर क्षेत्र में बीज ही नहीं डाले गये . उन्होंने बताया कि प्रदेश में खरीफ की फसल के लिए 15,783 हैक्टयर क्षेत्र मेंं पैदावार के लक्ष्य तय किये गये थे लेकिन 14,783 हैक्टयेर क्षेत्र में ही बुवाई की गई .
आपदा मंत्री ने कहा कि आपदा प्रबन्धन के तहत फसल खराबे पर सहायता देने के लिए मानदण्ड बदले गए हैं.अब 50 प्रतिशत के बजाय 33 प्रतिशत खराबे पर भी सहायता दी जाती है. कटारिया ने कहा कि सरकार ने गत वर्ष भी ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से फसल को हुए खराबे पर किसानों को 2400 करोड़ रूपये की सहायता दी थी .
उन्होंने कहा कि प्रदेश के बड़े बांधों में पर्याप्त पानी (करीब 82 प्रतिशत) भरा हुआ है लेकिन कुछ जिलों में पेय जल की समस्या रहेगी जिसके लिए समय रहते उपाय कर लिये जायेंगे .
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में सबसे अधिक 1,102 मिमी बारिश झालावाड में हुई है जबकि सबसे कम 262 मिमी वष्रा हनुमानगढ़ में हुई है.
उन्होंने बताया कि अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चितौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झुंझुनूं, हनुमानगढ़, करौली, प्रतापगढ़, टोंक और सवाई माधोपुर में सामान्य बारिश हुई है जबकि उदयपुर, सिरोही, सीकर, राजसमंद, डूंगरपुर, बांरा में सामान्य से अधिक वष्रा हुई है . उन्होंने बताया कि जैसलमेर और जालोर जिले में भारी वर्षा हुई है.
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