आसान हुई आवासीय भूखंड के पट्टे मिलने की राह
राजस्थान के बीकानेर के छत्तरगढ़ में आयोजित राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार शिविर में लिये गये निर्णय के बाद सैकड़ों कृषकों को 16 साल बाद अब आवासीय भूखंड के पट्टे मिल सकेंगे.
आसान हुई आवासीय भूखंड के पट्टे की राह |
उच्च न्यायालय ने 29 जून 1999 को एक निर्णय देते हुए छत्तरगढ़ के चक एक सीएचएम व दो सीएचएम में गैर मुमकिन मंडी के नाम से दर्ज रकबे को हटाया जाकर राजस्थान भूदान बोर्ड के नाम से करने के आदेश दिये थे लेकिन अब तक इस निर्णय की पालना नहीं हुई थी और छत्तरगढ़ क्षेा के निवासियों को आवासीय भूखण्ड के पट्टे नहीं मिल पा रहे थे.
यह मामला जब कल शिविर में पहुंचा तो उपखण्ड अधिकारी हषर्वर्धन सिंह ने इसे पूर्ण प्राथमिकता से लिया और इससे संबंधित सम्पूर्ण दस्तावेज और आदेश आदि मंगवाए.
उन्होंने सभी दस्तावेजों की जांच करने के बाद रकबे को उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार दर्ज करवा दिया. इस कार्यवाही से छत्तरगढ़ के किसानों को आवासीय भूखण्ड के पट्टे मिलने की राह आसान हो गई.
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