हौसलों की उड़ान: दोनों हाथ नहीं फिर भी हुआ अच्छे नंबरों से पास
अपनों दोनों हाथों से जन्मजात अपाहिज मनोज में हौसलों की कमी नहीं है. उनसे अपने पांवों की अंगुलियों से लिखकर 12वीं साइंस की परीक्षा में 78 प्रतिशत अंक प्राप्त किया है.
मनोज (फाइल) |
यह हौसलों की उड़ान ही थी कि जन्मजात हाथों से अपाहिज मनोज न केवल अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जी रहा है, बल्कि इस बार 12वीं साइंस के परिणाम में उसने 78 प्रतिशत अंक भी हासिल किए हैं.
बीदासर तहसील के अमरसर गांव में राशन डीलर रामकिशन के बडे बेटे मनोज के जन्म के समय से ही दोनों हाथ नहीं थे.
पिता व दोस्तों की प्रेरणा से उसने पांवों की अंगुलियों में कलम पकड़ लिखना सीखा. धीरे-धीरे वह पांवों से लिखने में अभ्यस्त हो गया. वह पैरों की अंगुलियों के बल पर परीक्षा देते हुए आगे बढ़ता रहा.
मनोज ने 8वीं में 86.86 प्रतिशत, दसवीं में 78 प्रतिशत अंक हासिल किए. 2014 में उसने विज्ञान गणित से 12वीं 70 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की, लेकिन मनोज इससे संतुष्ट नहीं हुआ.
उसने इस वर्ष 12वीं (विज्ञान गणित) की परीक्षा देने की ठानी. जब इस बार परिणाम आया तो उसने 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हासिल करते हुए 78 प्रतिशत अंक हासिल किए.
अब वह न्यायिक सेवा में जाने का इच्छुक है. परीक्षा में उसने राइटर का सहारा भी नहीं लिया. हालांकि परीक्षा में उसे एक घंटा अतिरिक्त दिया गया. वह अपने विद्यालय और घर के सभी कार्य खुद करता है.
प्रायोगिक परीक्षा भी उसने खुद ने ही दी है. पढ़ाई और खुद के कामों में ही व्यस्त रहने के कारण उसकी खेलों में कम ही रूचि है.
Tweet |