फसल नुकसान के चलते दो और किसानों ने दी जान, एक की सदमे से मौत
राजस्थान में फसल नुकसान को देखकर दो और किसानों ने खुदकुशी कर ली जबकि एक अन्य किसान की सदमे से मौत हो गई.
दो और किसानों ने दी जान (फाइल फोटो) |
पुलिस ने बताया कि हालिया बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि के कारण अपनी फसलों को हुए नुकसान को देखकर प्रेमशंकर मीणा (20) बहुत चिंतित था. पुलिस ने बताया कि उनका शव बूंदी जिले के केशोरईपाटन के लाडपुर गांव में खेत में एक पेड़ से लटका मिला.
इसी तरह के एक अन्य मामले में बूदादीत पुलिस थाना के तहत आने वाले रामनगर गांव के निवासी 21 वर्षीय विनोद मीणा ने गुरूवार शाम अपनी चार बीघा फसल के नुकसान को देखकर कथित तौर पर जहर खाकर खुदकुशी कर ली.
पुलिस ने बताया कि विनोद मीणा का शव झाड़ियों के बीच मिला. पोस्टमॉर्टम के बाद शव को उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया गया.
ऐसी ही एक अन्य घटना में कोटा जिले के हनोतिया गांव के निवासी रामेर तिवारी (68) की शुक्रवार को मौत हो गई. परिवार के सदस्यों के अनुसार, 40 बीघा खेत में फैली धनिया की फसल को हुए नुकसान को देखकर तिवारी की तबीयत अचानक खराब हो गई. उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
बूंदी जिले के जालूंदा गांव के किसानों ने बताया कि सर्वेक्षण दल या राहत कर्मियों में से कोई अब तक नहीं आया है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 20 मार्च को जिले में गांवों का दौरा किया था, जहां किसानों से मिलकर उन्होंने उनके प्रति एकजुटता व्यक्त की थी. सर्वेक्षण और राहत कार्य के बारे में कोटा के लाडपुरा इलाके से सत्ताधारी भाजपा के विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा कि बारिश से प्रभावित किसानों के लिए राज्य सरकार ने पहले ही राहत पैकेज की घोषणा की है और यह सुनिश्चित किया है कि पांच से छह दिनों के अंदर किसानों तक सहायता पहुंचे.
राजस्थान प्रदेश किसान एवं खेत मजदूर अध्यक्ष संदीप सिंह चौधरी ने पूरे राज्य में बारिश से प्रभावित किसानों के लिए प्रति बीघा खेत पर 25,000 रूपए से 30,000 रूपए तक के मुआवजे की मांग की.
इसके अलावा उन्होंने अगले छह महीने के लिए प्रभावित किसानों के बिजली बिल माफ करने की भी मांग की.राजस्थान के कोटा संभाग में अब तक 11 किसानों की मौत हो चुकी है.
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