आर्म्स एक्ट मामले में फिल्म अभिनेता सलमान खान के मामले में अंतिम बहस
आर्म्स एक्ट मामले में फिल्म अभिनेता सलमान खान के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अंतिम बहस शुरू हुई.
सलमान के कब्जे में हथियार न होने का दावा (पाइल फोटो) |
राजस्थान के जोधपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुपमा बिजलानी की अदालत में सलमान की ओर से अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने अंतिम बहस शुरू करते हुए अपना पक्ष रखा कि गवाहों के बयान से ये साबित नहीं होता है कि 1 व 2 अक्टूबर 1998 को शिकार के दौरान सलमान के कब्जे में कोई हथियार थे या उनका उपयोग शिकार करने में किया गया है.
सारस्वत ने कहा कि गवाह ललित बोड़ा ने बताया था कि उन्होंने अनुसंधान में शिकार में एयरगनों का प्रयुक्त होना पाया, जब एयरगनों का शिकार में प्रयुक्त होना पाया गया तो आम्र्स एक्ट का मामला कैसे बना.
वन विभाग की ओर से दर्ज एफआईआर घटना के कई दिन बाद 8 अक्टूबर 1998 को न्यायालय में पेश किया गया, जबकि एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटे में न्यायालय में भेजना आवश्यक है. इससे प्रतीत होता है कि एफआईआर बैक डेट में दर्ज की गई.
साथ ही एफआईआर में जिन चश्मदीद गवाहों के हस्ताक्षर करवाएं गए, उन्हें इस प्रकरण में पेश ही नहीं किया गया. इस प्रकरण में सीआई सत्यमणि तिवाड़ी ने होटल में सलमान के हथियार देखना बताया. लेकिन उनकी आमद रवानगी, रोजनामचे की रिपोर्ट आदि भी कोर्ट में पेश नहीं की गई. करीब 5 घंटे चली बहस के बाद समयाभाव के चलते 31 जनवरी तक मुल्तवी कर दी गई.
गौरतलब है कि 21 को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने 29 को अंतिम बहस शुरू करने का अंतिम मौका दिया था.
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