पत्नी को जिंदा जलाने के जुर्म में पति को उम्र कैद
स्थानीय अदालत ने पत्नी को जिंदा जलाने के जुर्म में 25 वर्षीय पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
पत्नी को जिंदा जलाने के जुर्म में पति को उम्र कैद (फाइल फोटो) |
सरकारी वकील भूपेंद्र सहाय सक्सेना ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चंद्र मीणा ने आरोपी शंकर भील को पत्नी सुगनाबाई (20) को जलाने का दोषी ठहराते हुये सजा सुनाई.
धनेर इलाके में खनिक के तौर पर कार्यरत आरोपी ने अपनी पत्नी को आग के हवाले कर दिया था जिसके कारण उसने दम तोड़ दिया.
अदालत ने आरोपी पर दो हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है.
आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या के लिए सजा), 322 (जान बूझकर चोट पहुंचाना) और 342 (गलत तरीके से बंधक बनाए जाने के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
सक्सेना ने बताया कि भील शराब का आदी था और उसने 15 अक्तूबर 2012 को अपने ही घर में पत्नी सुगनाबाई पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दी और फिर वह फरार हो गया.
उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने सुगनाबाई को कोटा के महाराव भीम सिंह :एमबीएस: अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसने उपचार के तीन दिन बाद दम तोड़ दिया.
सुगनाबाई ने मृत्यू से पूर्व मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में कहा था कि उसके पति ने उसकी बेरहमी से पिटाई के बाद मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दी थी.
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