रेलवे में एफडीआई का विरोध
अखिल भारतीय रेलवे फेडरेशन के अध्यक्ष ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का विरोध करने वाली भाजपा सत्ता में आने के बाद रेलवे में भी एफडीआई लागू करने पर आमादा है.
रेलवे में एफडीआई का विरोध (फाइल फोटो) |
नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन के 12वें वार्षिक अधिवेशन के उद्घाटन अवसर पर बोलते हुए गुप्ता ने कहा कि रेलवे में एफडीआई के निवेश के साथ ही रेलवे के अधिकतर कार्य निजी क्षेत्रों को सौंपने की तैयारी की जा रही है.
उन्होंने कहा कि इससे देशवासियों को सस्ती और सुलभ रेल यात्रा उपलब्ध नहीं हो सकेगी. कर्मचारी सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि विदेशी कम्पनियों के रेलवे में प्रवेश से जिनकी सरकारी नौकरी है, उनकी नौकरियां भी सुरक्षित नहीं रहेगी और न ही रोजगार के अवसर युवाओं को उपलब्ध होंगे.
गुप्ता ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार की भारतीय रेलों की पुर्नसंरचना के नाम पर उद्योगपतियों सहित बाहरी लोगों को रेलवे की नीति निर्धारक के रूप में स्थापित करने की योजना है, जो भारतीय रेल की वर्तमान प्रणाली को ध्वस्त कर देगी.
उन्होंने कहा कि इससे भारतीय रेल की विश्वसनीयता एवं कर्मचारियों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. इतना ही नहीं पेंशन नीति एवं बोनस नीति में बदलाव किया जा रहा है, जो कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात है.
यूनियन के महामंत्री गोपाल मिश्रा ने बताया कि अधिवेशन में जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर मंडल के 800 से अधिक सदस्य भाग ले रहे है.
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